नहीं रहे प्रसिद्ध साहित्यकार बालकवि बैरागी, 87 की उम्र में हुआ निधन

बालकवि बैरागी

नई दिल्ली। देश के लोकप्रिय साहित्यकारों में से एक कवि बालकवि बैरागी का 87 साल की उम्र में निधन हो गया. वे साहित्य के साथ साथ राजनीतिक जगत में भी काफी सक्रिय रहे और सांसद रहे. वे हिंदी काव्य मंचों पर काफी लोकप्रिय थे. रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने मध्य प्रदेश में अपने निवास स्थान पर अंतिम सांस ली.

उनका जन्‍म 10 फरवरी 1931 को रामपुर गांव में हुआ था और उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया. उनकी प्रमुख रचनाओं में ‘गौरव-गीत, ‘दरद दीवानी, ‘दो टूक, ‘भावी रक्षक देश के’ आदि शामिल थे. वे मध्यप्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक थे और प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे. उन्हें मध्यप्रदेश सरकार की ओर से कवि प्रदीप सम्मान से भी सम्मानित किया गया था.

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने ट्वीट कर श्रद्धांजलि अर्पित की है. बैरागी मृदुभाषी और सौम्‍य व्‍यक्तित्‍व के धनी थे और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई. कविताकोश के अनुसार उनकी प्रमुख रचनाओं में ये शामिल हैं…

ShivrajSingh Chouhan

@ChouhanShivraj

सूर्य उवाच, हैं करोड़ों सूर्य और दीपनिष्ठा को जगाओ जैसी अनेक कविताएं रचकर लोगों के हृदय में बस जाने वाले प्रसिद्ध कवि, जन सेवक श्रद्धेय बालकवि बैरागी जी का निधन प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और परिजनों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना करता हूँ।

Jyotiraditya Scindia

@JM_Scindia

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, यशश्वी कवि श्री बालकवि बैरागी जी के निधन के समाचार से स्तब्ध हूँ। उनके जाने से मालवी एवं हिंदी साहित्य के साथ कांग्रेस परिवार को बड़ी क्षति हुई है। मेरी विनम्र श्रद्धांजलि!

Office Of Kamal Nath

@OfficeOfKN

पूर्व सांसद,पूर्व मंत्री व देश के प्रसिद्ध कवि व साहित्यकार श्रद्धेय बालकवि बैरागी जी के निधन का समाचार बेहद दुखदायी है,
बैरागी जी संघर्षशील व्यक्तित्व के धनी,अपनी कविताओं व लेखनी के माध्यम से सदैव समाज में जागृति लाने का प्रयास करते थे
बैरागी जी के निधन पर भावभीनी श्रद्धांजली..

प्रतिनिधि रचनाएं

दीवट(दीप पात्र) पर दीप

झर गये पात

गन्ने मेरे भाई!!

जो कुटिलता से जियेंगे

अपनी गंध नहीं बेचूंगा

मेरे देश के लाल

नौजवान आओ रे !

सारा देश हमारा

बाल कविताएं

शिशुओं के लिए पांच कविताएं

विश्वास

चांद में धब्बा

चाय बनाओ

आकाश

खुद सागर बन जाओ

 

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