नितिन पटेल ने तोड़ी चुप्पी: सत्ता नहीं, मान-सम्मान की है लड़ाई, हाईकमान पर छोड़ा फैसला

अहमदाबाद। गुजरात चुनाव जीतने के बाद भी भाजपा के लिए आगे की राह आसान नहीं दिख रही. विजय रूपाणी के दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद अब मंत्रालयों के बंटवारे पर उप मुख्यमंत्री की नाराजगी की खबरें आ रही हैं. आज खुद डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि विजय रूपाणी के मुख्यमंत्री बनने से उन्हें कोई दिक्कत नहीं है. वे सिर्फ इतना चाहते हैं कि उनका सम्मान बना रहे.

10 विधायकों के समर्थन की बात बेबुनियाद

नितिन पटेल ने 10 विधायकों के समर्थन की बात को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि मैंने अपनी बात पार्टी हाईकमान के सामने रख दी है. अब वे ही इस पर फैसला लेंगे. सरदार पटेल ग्रुप के नेता लालजीभाई की नितिन पटेल को मुख्यमंत्री बनाने की मांग को डिप्टी सीएम ने उनकी दिल की भावना बताई. लालजीभाई ने नितिन पटेल को मुख्यमंत्री बनाने की मांग पर सोमवार को मेहसाना बंद का आह्वान किया है.

बात सिर्फ मान-सम्मान की, सत्ता की नहीं

नितिन पटेल ने साफ कहा कि पार्टी से इस्तीफा देने का कोई सवाल नहीं है. ये बात सिर्फ मान-सम्मान की है, न कि सत्ता की. इस मसले पर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से भी बात हुई है. नितिन पटेल ने कहा कि मैं अपने घर पर ही हूं. कोई भी मुझसे मिलने आ सकता है. हार्दिक पटेल भी आ जाए तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता.

हार्दिक ने कांग्रेस ज्वाइन करने की पेशकश की

मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल के बीच नाराजगी को पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने भुनाने की कोशिश शुरू कर दी है. हार्दिक ने मौके का फायदा उठाते हुए नितिन पटेल को साथ आने की पेशकश भी कर दी है. हार्दिक ने कहा है कि अगर बीजेपी में नितिन पटेल का सम्मान नहीं हो रहा है, तो वे कांग्रेस ज्वाइन कर सकते हैं. बोटाड में हार्दिक ने कहा कि वे डिप्टी सीएम नितिन पटेल से मिलने जाएंगे. हार्दिक ने कहा कि मैंने नितिन काका को मैसेज किया था. अगर वे कहते हैं कि उन्हें बीजेपी छोड़नी है, तो मैं उनके साथ रहूंगा.

नितिन को मनाने के लिए BJP मुख्यालय में बैठक

वहीं बीजेपी ने अपने सभी नेताओं को नितिन पटेल के विषय में कोई बयान देने से मना किया. बताया जा रहा है कि पटेल को मनाने के लिए सोमवार को बीजेपी मुख्यालय में एक बैठक होगी, जिसमें सीएम विजय रूपाणी, गुजरात बीजेपी अध्यक्ष जीतू वघानी और पूर्व सीएम आनंदीबेन पटेल मौजूद रहेंगी.

नितिन पटेल को 10 विधायकों संग BJP छोड़ने की सलाह

पाटीदार नेता ने कहा है कि वे नितिन पटेल के लिए कांग्रेस पार्टी से बात करेंगे ताकि उन्हें सही जगह मिले और उनके साख पर कोई सवाल ना उठे. हार्दिक ने कहा है, ‘अगर नितिन भाई 10 विधायकों के संग बीजेपी छोड़ने को तैयार हो जाते हैं, तो हम कांग्रेस में उन्हें उपयुक्त पद देने की बात करेंगे. हार्दिक ने ये बातें बोटाड में पाटीदार अनामत आंदोलन समिति की बैठक से पहले कहीं.

अनबन की ये है वजह

बता दें कि गुजरात में सरकार बनने के महज तीन दिन बाद ही मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल के बीच अनबन की खबर आने लगी. साथ ही वहां के विधायक भी अपनी नाराजगी जताने लगे हैं. लगातार छठी बार गुजरात में सरकार बनाने वाली भारतीय जनता पार्टी की इस सरकार में शीर्ष दो नेताओं के बीच अनबन का सबसे अहम कारण विभागों के बंटवारे को लेकर माना जा रहा है.

CM रूपाणी ने भी साधी चुप्पी

वहीं नितिन पटेल की नाराजगी पर सीएम विजय रूपाणी ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है. अहमदाबाद नगर निगम द्वारा आयोजित फूलों की प्रदर्शनी के उद्घाटन के दौरान जब उनसे विभागों के बंटवारों को लेकर नितिन पटेल की नाराजगी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने जबाव नहीं दिया और मुस्कुराते हुए बोले कि उनसे फिलहाल फूलों की प्रदर्शनी से जुड़ा सवाल पूछा जाना चाहिए.

शपथ लेने के बाद से ही तनातनी

रूपाणी की अगुआई में सरकार के शपथ लेने के बाद से तनातनी की खबरें आ रही थीं. मुख्यमंत्री रूपाणी, उपमुख्यमंत्री पटेल और भाजपा अध्यक्ष जीतू वघानी विवाद को निपटाने के लिहाज से मुख्यमंत्री आवास पर बृहस्पतिवार को मिले. इस कारण पहली कैबिनेट बैठक में नए नवेले मंत्रियों को करीब 4 घंटे तक इंतजार करना पड़ा.

नितिन पटेल की नाराजगी का कारण

उपमुख्यमंत्री पटेल विभागों के वितरण से खुश नहीं हैं. वह गृह और शहरी विकास मंत्रालय चाहते थे, जो उन्हें नहीं मिला. साथ ही उनको 2 अहम विभाग राजस्व और वित्त विभाग भी नहीं दिए गए. पटेल को सड़क एवं भवन, हेल्थ एवं फैमिली, नर्मदा, कल्पसार, चिकित्सा और शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी मिली है.

विधायक भी हैं नाराज

सूत्र बताते हैं कि सरकार में अनबन की एक और खबर है. वडोदरा से विधायक और पूर्व मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने भी विरोध का झंडा बुलंद कर रखा है. उन्होंने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के सामने वडोदरा से एक भी विधायक को कैबिनेट में शामिल नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई. उन्होंने 10 विधायकों के साथ पार्टी छोड़ने की धमकी भी दी है.

 

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