नेपाल ने भारत से 40 साल का रिश्तार तोड़कर चीन से की तेल की डील

sdकाठमांडू। नेपाल को ईंधन देने के मामले में भारतीय कंपनी इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन (आईओसी) का एकाधिकार बुधवार को खत्म हो गया। नेपाल ने बुधवार को चीन से हर तरह के ईंधन के आयात के लिए पेट्रो चाइना के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर दस्तखत किए।

अधिकारियों ने बताया कि नेपाल ऑइल कॉर्पोरेशन (एनओसी) और पेट्रो चाइना के बीच समझौते पर दस्तखत पेइचिंग में किए गए। बीते एक महीने से अनधिकृत रूप से भारत द्वारा नेपाल को सामानों और ईंधन की आपूर्ति पर लगाई गई रोक के बीच यह समझौता हुआ है। भारत ने अपनी तरफ से ऐसी किसी भी रोक की बात को हमेशा गलत बताया है।

चीन में नेपाल के राजदूत महेश मास्के ने समझौते पर दस्तखत के बाद नेपाली मीडिया से कहा कि नेपाल में चीन से ईंधन आने का रास्ता खुल गया है। पेट्रो चाइना के झांग तोंग और नेपाल ऑइल कॉर्प के गोपाल बहादुर खड़का ने समझौते पर दस्तखत किए। समझौते का विवरण नहीं मिल सका है।

अभी यह साफ नहीं है कि नेपाल अभी तुंरत कितना ईंधन चीन से मंगाएगा। भारत की तरफ से वस्तुत: रोक के बाद नेपाल में ईंधन, जरूरी सामानों और दवाओं की बड़े पैमाने पर किल्लत महसूस की जा रही है।

हजारों स्कूलों को बंद करना पड़ा है, हजारों वाहन चलने बंद हो गए हैं। नेपाल की अर्थव्यवस्था पर काफी बुरा असर पड़ा है। नेपाल और भारत ने दो महीने पहले ही एक तेल पाइपलाइन के समझौते पर दस्तखत किए थे।

चीन ने यह भी कहा है कि वह नेपाल को 13 लाख लीटर गैसोलिन की आपूर्ति करेगा। अभी तक नेपाल ने चीन से कभी भी गैसोलिन का आयात नहीं किया था।

 

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