नेहरू की भांजी ने लौटाया साहित्य अकादमी अवॉर्ड
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की भांजी नयनतारा सहगल ने अपना साहित्य अकादमी अवॉर्ड लौटा दिया और कहा कि ऐसा उन्होंने उन सभी भारतीयों के समर्थन में किया है जो असहमति के अधिकार के पक्षधर हैं।
88 वर्षीय जानी-मानी लेखिका नयनतारा सहगल ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर देश की सांस्कृतिक विविधता कायम न रख पाने का आरोप लगाया। नयनतारा सहगल के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘आतंक के राज’ पर ‘खामोश’ हैं।
एम. एम. कलबुर्गी और गोविंद पनसारे जैसे लेखकों और विचारकों की हत्या की घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘अंधविश्वास पर सवाल खड़ा करने वाले विचारकों को हाशिये पर धकेला जा रहा है, उन्हें सताया जा रहा है या फिर उनकी हत्या कर दी जा रही है।’
दिल्ली के बाहर बिसाहड़ा गांव में कथित तौर पर गोमांस को लेकर हुई घटना के बारे में नयनतारा सहगल ने कहा, ‘इन सभी मामलों में इंसाफ का गला घोंटा गया है। प्रधानमंत्री आंतक के इस राज पर खामोश हैं। यह दुख की बात है कि साहित्य अकादमी भी चुप है।’
उन्होंने कहा, ‘उन भारतीयों की याद में जिनकी हत्या की गई, उन सभी भारतीयों के समर्थन में जो असहमत होने के अधिकार को बनाये रखना चाहते हैं और असहमति जताने वाले उन सभी लोगों के पक्ष में जो डरे, सहमे और अनिश्चितता के माहौल में जी रहे हैं, मैं अपना साहित्य अकादमी अवॉर्ड लौटा रही हूं।’ अतीत में नयनतारा सहगल इंदिरा की इमर्जेंसी के खिलाफ भी बेहद मुखर रही थीं।
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