नोटबंदी का विकास दर पर असर नहीं, तीसरी तिमाही में 7 पर्सेंट रहा ग्रोथ रेट
नई दिल्ली। आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार को बड़ी राहत मिली है। आशंका के उलट नोटबंदी का देश के विकास दर पर खास असर नहीं पड़ा है। मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का ग्रोथ रेट 7 पर्सेंट रहा। भारत की अर्थव्यवस्था अभी भी दुनिया में सबसे तेज रफ्तार से बढ़ रही है। अक्टूबर से दिसंबर के बीच चीन की विकास दर 6.8% रही। गौरतलब है कि 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर किए जाने की घोषणा की थी। इसके बाद देशभर में हुई भारी कैश किल्लत से विकास दर में गिरावट अनुमान लगाया जा रहा था।
सीएसओ के लिए चालू वित्त वर्ष पिछले सालों की तुलना में हटकर रहा है। हर साल सीएसओ जीडीपी वृद्धि के अग्रिम आंकड़े फरवरी के पहले सप्ताह में पेश करता रहा है, लेकिन इस साल आम बजट पहली फरवरी को पेश किया गया इसलिए सीएसओ को अग्रिम आंकड़े भी करीब एक महीना पहले जारी करने पड़े। जनवरी 2017 में जीडीपी वृद्धि के अग्रिम आंकड़े जारी करते हुए नोटबंदी के असर को इसमें शामिल नहीं किया गया था।
रिजर्व बैंक ने भी इस महीने की शुरुआत में जारी मौद्रिक समीक्षा में चालू वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि दर को घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया। हालांकि अगले वित्त वर्ष के लिए 7.4 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटाकर 6.6 प्रतिशत रखा है। उसने कहा कि नोटबंदी के कारण गतिविधियों में अस्थायी व्यावधान आने से जीडीपी वृद्धि की रफ्तार धीमी पड़ी है।
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