पंजाब में नशे को मुद्दा बनाने वाली ‘आप’ दिल्ली को बना रही है ‘एल्कोहलिक’

बड़ा खुलासा : नशे का व्यापार करने वाली सरकार बनी ‘AAP’

jahriliनई दिल्ली। एक तरफ देश को शराब मुक्त करने की बात हो रही है। वहीं राज्य सरकार रेस्ट्रोरेन्ट को भी बार में तब्दील कर रहे हैं। इन सबके बीच दिल्ली के सीएम केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही हैं। शराब का विरोद करने वाले केजरीवाल हर दूसरे दिन शराब का लाइसेंस दे रही हैं।

आरटीआई के जरिए खुलासा हुआ है कि केजरीवाल सरकार हर दूसरे दिन शराब का लाइसेंस दे रही है। आरटीआई के मुताबिक सरकार खुद मान रही है कि उसने डेढ़ साल में कई लाइसेंस बांटें हैं। दरअसल बीजेपी के प्रवक्ता हरीश खुराना ने आरटीआई के जरिए ये पूछा था।

इस आरटीआई में ये पूछा गया था कि आखिरकार केजरीवाल सरकार ने 15 फरवरी 2015 से 5 जुलाई 2016 तक कितनी दुकानों को शराब के नए लाइसेंस दिए। साथ ही ये भी पूछा गया कि दिल्ली में कितने रेस्टोरेंट को बार के लिए लाइसेंस दिए गए। जिसके बाद जवाब में पता चला कि पिछले डेढ़ साल में केजरीवाल सरकार ने 72 दुकानों को शराब का लाइसेंस दिया। वहीं 217 रेस्टोरेंट को बार लाइसेंस दिया यानी 289 के करीब शराब के लाइसेंस बांट गए।

हरीश खुराना का आरोप है कि सरकार ने पिछले डेढ़ साल में दिल्ली मे शराब की बिक्री खुद बढ़ाई है। जबकि राजनीतिक तौर पर खुद केजरीवाल नशे का विरोध करते रहे हैं। ऐसे में साफ है कि केजरीवाल और उनकी पार्टी का नशा विरोध सिर्फ दिल्ली के बॉर्डर के बाहर तक ही सीमित है। यानी पंजाब में नशे को मुद्दा बनाने के पीछे की मंशा सिर्फ सियासी फायदा हासिल करना है।

बीजेपी ने आरोप लगाया है कि ‘आप’ की सत्ता में हर दूसरे रोज दिल्ली में शराब की नई दुकानें खुली है साथ ही रेस्टोरेंट को बार का लाइसेंस दिए हैं। इससे लोग तेजी से नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं।

 

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