पति ने ‘मोक्ष’ के लिए मंदिर परिसर में लगाई फांसी, पत्नी का 8 दिन बाद अहम खुलासा

नई दिल्ली/रेवाड़ी। दिल्ली के बुराड़ी कांड के बाद मोक्ष प्राप्ति के लिए जान देने का एक मामला रेवाड़ी में भी सामने आया है। यहां के गांव भैरामपुर भड़ंगी निवासी दिल्ली पुलिस के जवान कर्मवीर ने 30 जुलाई को मंदिर में पेड़ पर फांसी लगाकर जान दे दी। करीब आठ दिन बाद उसकी पत्नी ने दिल्ली के एक तांत्रिक व उसकी पत्नी पर पति को मोक्ष की खातिर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए बावल थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

जान गंवाने वाला दिल्ली पुलिस का जवान

बुधवार को पुलिस अधीक्षक राजेश दुग्गल से शिकायत करते हुए पुलिसकर्मी की पत्नी शकुंतला ने कहा कि वर्ष 2009 में उसके पति कर्मबीर विवेक विहार थाने में तैनात थे। इसी दौरान उनकी तांत्रिक उदय सिंह से मुलाकात हुई। उदय दो-तीन बार उनके घर भी आ चुका था।

तांत्रिक पर कर्मकांड करने का शक, पत्नी ने लगाए गंभीर आरोप

उदय ने कहा कि उसके घर पर भूत-प्रेत का साया है तथा इसका समाधान कर देगा। इस बहाने वह वह वसूली करने लगा। कई बार उसके पति का उदय से झगड़ा भी हुआ, तब उदय ने धमकी दी थी कि वह उस पर भूत-प्रेत छोड़ देगा, जिससे पति डरे सहमे रहने लगे। कुछ दिन बाद उदय ने कर्मवीर की मुलाकात अपनी पत्नी साधना से कराई और फिर दोनों पति-पत्नी ने कर्मबीर को अपने जाल में फंसा लिया।

30 जुलाई कर लिया था फांसी लगाने का निर्णय!

आरोप है कि कर्मबीर को उदय व साधना मोक्ष के लिए उकसा रहे थे। 30 जुलाई को कर्मबीर ने घर पर आकर कहा था कि उसके गुरु उदय व साधना मोक्ष प्राप्ति के लिए बार-बार कह रहे हैं। वह मोक्ष प्राप्ति के लिए जा रहा है तथा बच्चों का वह अपने आप ख्याल रखे।

पत्नी का आरोप, तांत्रिक ने बुराड़ी कांड की तरह पूरे परिवार को मरवाने की तैयारी की थी

शकुंतला का कहना है कि उसके पति छुट्टी वाले दिन भी तांत्रिक उदय के जाल में ही उलझे रहते थे। तांत्रिक उदय व उसकी पत्नी बुराड़ी कांड की तरफ उनके पूरे परिवार को मरवाने की तैयारी कर चुके थे, आरोप है कि उदय के चंगुल में अभी कई लोग और भी हैं।

गौरतलब है कि यहां पर बता दें कि दिल्ली में अब तक की सबसे बड़ी सनसनीखेज घटना में बुराड़ी स्थित एक घर में एक जुलाई की सुबह एक ही परिवार के 11 लोग संदिग्ध हालात में मृत पाए गए थे। मृतकों में सात महिलाएं व चार पुरुष थे, जिनमें दो नाबालिग थे। एक महिला का शव रोशनदान से तो नौ लोगों के शव छत से लगी लोहे की ग्रिल से चुन्नी व साड़ियों से लटके मिले। एक बुजुर्ग महिला का शव जमीन पर पड़ा मिला था। नौ लोगों के हाथ-पैर व मुंह बंधे हुए थे और आंखों पर रुई रखकर पट्टी बांधी गई थी।

बुराड़ी-संत नगर मेन रोड से सटे संत नगर की गली नंबर दो में बुजुर्ग महिला नारायण का मकान है। इसमें वह दो बेटों भुवनेश व ललित, उनकी पत्नियों, पोते-पोतियों व विधवा बेटी संग रहती थीं। ये लोग मूलरूप से राजस्थान के निवासी थे और 22 साल पहले यहां आकर बसे थे। बुजुर्ग महिला के तीसरे बेटे दिनेश सिविल कांटेक्टर हैं और राजस्थान के चित्ताैड़गढ़ में रहते हैं। बुजुर्ग महिला के दोनों बेटों की भूतल पर एक परचून व दूसरी प्लाईवुड की दुकान है। ऊपर पहली व दूसरी मंजिल पर परिवार रहता था।

रोज सुबह ललित घर के सामने रहने वाले दिल्ली पुलिस से सेवानिवृत्त तारा प्रसाद शर्मा के साथ मार्निंग वॉक पर जाते थे। उससे पहले शर्मा ललित की दुकान से दूध लेते थे। रविवार सुबह दुकान नहीं खुली तो शर्मा दरवाजा खटखटाने गए, पर दरवाजा खुला था तो वह ऊपर चले गए। ऊपर का दरवाजा भी खुला था। आगे जाने पर उनकी रूह कांप गई। बरामदे वाले हिस्से में दस लोगों के शव लटके थे, जबकि एक महिला का शव कमरे में पड़ा था।

 

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