परिवार के झगड़े पर खुलकर बोले अखिलेश, चाचा के ‘पर कतरने’ की वजह भी बताई

akhilesh-yadav-and-mulayamलखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल यादव और पिता मुलायम सिंह यादव के साथ पिछले दो दिनों से चली आ रही गर्मागर्मी पर शुक्रवार को खुलकर जवाब दिए। एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में अखिलेश ने जहां चाचा शिवपाल के ‘पर कतरने’ की वजह बताई, वहीं करप्शन के आरोप में बर्खास्त खनन मंत्री गायत्री प्रजापति पर उनके फैसला पलटने के मुलायम के ऐलान को भी स्वीकार किया।

अखिलेश ने साथ ही कहा उन्होंने और मुलायम ने अब तय किया है कि पार्टी और सरकार के मामलों में किसी बाहरी व्यक्ति की दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अखिलेश की यह बात अमर सिंह को कड़ा संदेश मानी जा रही है।

शुक्रवार दोपहर मुलायम जब लखनऊ में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पार्टी में झगड़े की बात से इनकार कर रहे थे, करीब उसी वक्त अखिलेश यादव एक न्यूज चैनल के प्रोग्राम में समाजवादी पार्टी में कलह पर से पर्दा उठा रहे थे। अखिलेश, मुलायम से मुलाकात के कुछ देर बाद इस कार्यक्रम में पहुंचे थे।

अखिलेश से जब चाचा शिवपाल से विभाग छीनने की वजह पूछी गई तो, उनका जवाब था, ‘कभी-कभी उम्र कम होने से भी जोश में फैसले ले लिए जाते हैं। उम्र का तकाजा होता है। नौजवानों का फैसला कुछ ऐसा ही ही होता है।’

अखिलेश से जब पूछा गया कि क्या रातोंरात प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने पर उन्हें बुरा लगा था, तो इस पर अखिलेश ने हंसते हुए जवाब दिया, ‘इसका रिएक्शन आप लोगों ने देखा ही होगा।’ बता दें कि अखिलेश ने जवाबी कार्रवाई में चाचा शिवपाल से अहम मंत्रालय छीन लिए थे।

अखिलेश ने कहा, ‘नेताजी राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। इसके साथ वह मेरे पिता भी हैं। उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते मेरा अध्यक्ष पद छीना है। बेटा होने के नाते मेरा दायित्व है कि मैं उन्हें खुश रखूं।’

झगड़े के सवाल पर अखिलेश ने कहा, ‘मेरी वजह से परिवार में झगड़ा नहीं हो रहा है। झगड़ा सिर्फ इस कुर्सी का है, जिस पर मै बैठा हूं।’ मुख्यमंत्री पद के सवाल पर अखिलेश का जवाब था, ‘मुझसे जो कुछ मांगा जाएगा, मैं दे दूंगा। मुख्यमंत्री पद मांगने वाला अच्छा होगा, तो मैं वह भी दे दूंगा।’

अखिलेश ने इस दौरान चाचा शिवपाल को भी नसीहत दे गए। उन्होंने कहा, ‘ चाचा नारेबाजी करवाने वालों से सावधान रहें, क्योंकि वे लोग नारेबाजी करवाकर भाग जाते हैं। जब मेरे खिलाफ नारा लगता है, तो मैं कान में हेडफोन लगाकर गाना सुनने लगता हूं।’

परिवार में ‘बाहरी’ के दखल वाले उनके बयान के बाबत जब उनसे पूछा गया कि अखिलेश का इशारा कितने बाहरी लोगों की तरफ है तो मुख्यमंत्री ने जवाब दिया, ‘एक भी हो सकता है।’ अखिलेश लंबे समय से अमर सिंह की पार्टी में वापसी का सीधा विरोध करते रहे हैं लेकिन उन्हें समाजवादी कुनबे के मुखिया मुलायम सिंह यादव के दबाव के सामने हमेशा झुकना है।

समाजवादी पार्टी और याादव परिवार में तब संकट की स्थिति पैदा हो गई जब अखिलेश यादव ने खुलासा किया कि बाहरी व्यक्ति की साजिश के कारण परेशानी खड़ी हुई। हालांकि अखिलेश ने किसी का नाम नहीं लिया पर यह जाहिर था कि उनका इशारा किसकी तरफ है।

शुक्रवार को इंडिया टीवी के प्रोग्राम में शिरकत करने से पहले अखिलेश यादव ने कहा कि उन्होंने और उनके पिता दोनों ने मिलकर यह तय किया है कि पार्टी और सरकार के मामलों से ‘बाहरी लोगों’ को दूर रखा जाएगा।

अखिलेश से यह भी पूछा गया कि अमर सिंह को पार्टी से बाहर निकाले जाने के फैसले का शिवपाल यादव विरोध कर सकते हैं। इस पर अखिलेश ने कहा, ‘शिवपाल मेरे चाचा हैं और मुलायम सिंह यादव के भाई और वह पार्टी के मुखिया के आदेश से बंधे हुए हैं।’

 

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