पश्चिम बंगालः तीन दलों के तीन नेताओं ने दिल्ली में की तीन घंटे बैठक, TMC की बढ़ाई परेशानी

नई दिल्ली। दिल्ली में बंगाल के तीन नेताओं की मुलाकात से पश्चिम बंगाल का सियासी पारा चढ़ गया है. तीन दलों से ताल्लुक रखने वाले तीन नेताओं के तीन घंटे की बैठक को लेकर तमाम तरह के कयास बंगाल से दिल्ली तक लगाये जा रहे हैं. खबर है कि 7 अक्टूबर की शाम दिल्ली में कांग्रेसी दिग्गज अधीर रंजन चौधरी के आवास पर अधीर रंजन चौधरी, मुकुल रॉय और ऋतोब्रतो बनर्जी के मध्य तीन घंटे चली बैठक ने तीनों दलों के साथ साथ भारतीय जनता पार्टी की भी नींद उड़ा दी है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सांसद व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी भी बंगाल में नई पार्टी में शामिल हो सकते हैं. कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस में यदि समझौता होता है तो फिर सोमेन मित्रा भी इस दल में शामिल होंगे. अधीर और सोमेन दोनों ही सोनिया ममता की बढ़ती नजदीकियों से नाखुश हैं. सीपीएम के ऋतोब्रतो बनर्जी के नाम की भी चर्चा है. ऋतोब्रतो, मोहम्मद सलीम से दुखी हैं. दरअसल इस नए दल में शामिल होने वाले अधिकतर नेता अपनी अपनी पार्टी की नीतियों व नेतृत्व से असंतुष्ट हैं.

मुकुल रॉय के साथ काफी संख्या में तृणमूल कांग्रेस के सांसद व विधायक बंगाल में गठित होने वाले नए दल के सदस्य हो सकते हैं. तृणमूल के अलावा दूसरे दलों से भी नेता नये दल या मोर्चे में शामिल होगें ऐसी प्रबल संभावना हैं. कौन कौन शामिल होंगे ? मुकुल रॉय फिलहाल नाम बताने को तैयार नही हैं. मुकुल रॉय ही लेकिन इस पार्टी का नेतृत्व करेंगे।

बैठक के बाद मुकुल रॉय ने कुछ भी नही कहा एवं ऋतोब्रतो बनर्जी मुस्करा के चल दिये. जबकि अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मुकुल मेरे बहुत पुराने मित्र हैं वह मुझसे मिलने आये थे. अधीर ने यह भी कहा कि कोई राजनीतिक बात नही हुई. तीन राजनीतिज्ञ तीन घंटे मिले व राजनीतिक बात नहीं हुई, यह बात हजम नही होती. दरअसल मुकुल रॉय, बीजेपी से हो रही देरी के चलते दबाव बढ़ाना चाहते थे और अधीर भी कांग्रेस आलाकमान की कान खड़ा करना. दोनों ही अपने मकसद में सफल भी रहे हैं. इस बैठक के बाद से बंगाल की राजनीति अब दिल्ली के गलियारे में राजनीतिक चर्चा का विषय है. हालांकि, अटकल लगाई जा रही है कि क्या मुकुल रॉय कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं. बैठक से पहले सस्पेंडेड माकपा सांसद ऋतोब्रतो बनर्जी भी मुकुल राय के घर पहुंचे तथा भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की. वहां से फिर दोनों अधीर रंजन चौधरी के घर गए.

कोलकाता की हलचल दिल्ली पहुंची

मुकुल रॉय ने राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से अपना इस्तीफा सौंपने के लिए वक़्त मांगा है. सोमवार 9 अक्टूबर का वक़्त मिलने की संभावना है, वक़्त मिलते ही वह अपना इस्तीफा सौंप देंगे. मुकुल रॉय 6 अक्टूबर की शाम दिल्ली पहुंचे हैं, तब से उनका मिलने जुलने का सिलसिला जारी है. गौरतलब है कि दुर्गा पूजा से पहले मुकुल राय ने तृणमूल छोड़ने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि वे पार्टी छोड़ने के बाद ही कई अहम खुलासा भी करेंगे, इसके तत्काल बाद पार्टी ने उन्हें 6 साल के लिए तृणमूल कांग्रेस से सस्पेंड करने की घोषणा की थी. बाद में मुकुल रॉय ने पार्थ चट्टोपाध्याय को राजनीतिक बच्चा तक कहा तथा दावा किया कि बीजेपी के साथ नहीं होने पर तृणमूल कांग्रेस आज की बुलंदी तक नहीं पहुंच पाती. पलटवार करते हुए पार्थ चट्टोपाध्याय ने मुकुल रॉय का नाम लिए बिना उन्हें गद्दार तक की संज्ञा दे दी थी.

 

 

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