पाकिस्तान का झूठ बेनकाब, आतंकी कैंपों के खिलाफ PoK में सड़कों पर उतरे लोग

pokश्रीनगर। पाकिस्तान पर हमेशा आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगता रहा है और वह हमेशा खुद को आतंक से पीड़ित देश के रूप में पेश कर इन आरोपों से इनकार कर देता है। अब पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) के लोग खुद ही पाकिस्तान की देखरेख में चलने वाले इन आतंकी शिविरों का विरोध करते हुए सड़कों पर उतर आए हैं। PoK के मुजफ्फराबाद, कोटली, चिनारी, मीरपुर, गिलगिट, दायमर और नीलम घाटी के लोग आतंकी शिविरों के खिलाफ विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर गए हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इन शिविरों ने उनकी जिंदगी बदतर बना दी है।लोगों का आरोप है कि आतंकी शिविरों के कारण वे नारकीय स्थिति में जीने के लिए मजबूर हो गए हैं।

गिलगित के एक स्थानीय वाशिंदे ने बताया, ‘अगर प्रशासन तालिबानी आतंकी शिविरों का खात्मा नहीं करता है, तो हम खुद कार्रवाई करेंगे।’ इस निवासी के मुताबिक, दायमर, गिलगित, बासीन और कई अन्य इलाके ऐसे हैं, जहां आतंकी शिविरों की मौजूदगी के कारण आम लोगों का जाने पर मनाही है।

PoK के मुजफ्फराबाद में एक स्थानीय नेता ने कहा, ‘प्रतिबंधित संगठनों और आतंकी शिविरों को यहां खाना और राशन मुहैया कराया जाता है। हम इसकी निंदा करते हैं।’ वहीं कोटली में रहने वाले एक शख्स ने कहा, ‘आतंकवाद को खत्म किए जाने की जरूरत है। आतंकवादियों को पनाह दिए जाने से समस्या नहीं सुलझेगी।’ मालूम हो कि पाकिस्तान बार-बार आतंकवादियों को पनाह देने और भारत-विरोधी गतिविधियों के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल किए जाने के आरोपों से इनकार करता रहा है।

उधर, भारतीय सेना ने 29 सितंबर को जो सर्जिकल स्ट्राइक की कार्रवाई की, उसे भी पाकिस्तान लगातार नकार रहा है। जबकि, भारत की ओर से साफ कहा गया था कि उसकी कार्रवाई PoK स्थित उन आतंकी लॉन्च पैड्स के खिलाफ थी, जिनका इस्तेमाल भारत में आतंकी नेटवर्क की सप्लाई करने में किया जाता है। पाकिस्तान ने भारत के इन दावों को झूठा बताया था। लेकिन अब PoK के लोगों द्वारा आतंकवादी शिविरों के खिलाफ अपना विरोध सड़कों पर ले जाने से उसका झूठ सबके सामने आ गया है।

PoK में इस तरह लोगों का प्रदर्शन नई बात नहीं है। इससे पहले भी 2 अक्टूबर को PoK के कोटली इलाके में रहने वाले स्थानीय लोगों ने पाकिस्तानी सेना और पाक खुफिया एजेंसी ISI के खिलाफ सार्वजनिक प्रदर्शन किया था। उनकी यह मुहिम आजादी की मांग करने वाले नेताओं के साथ हुई क्रूरता और फर्जी एनकाउंटरों में उनकी मौत के खिलाफ शुरू की गई है। मुजफ्फराबाद स्थित ऑल पार्टी नैशनल अलायंस के अंदाजे के मुताबिक, ISI ने बीते दो सालों में आजादी की मांग कर रहे सौ से ज्यादा राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्याएं कराई हैं। एक ओर जहां पाकिस्तान दुनियाभर में कश्मीर का मुद्दा उठाकर वहां के लोगों के साथ अपनी सहानुभूति जताता है और भारत का ‘कब्जा’ खत्म कर ‘आजाद कश्मीर’ की वकालत करता है, वहीं PoK में नाराज भीड़ ‘कश्मीरियों की हत्यारी पाकिस्तानी सेना’, ‘ISI से ज्यादा वफादार कुत्ते’ जैसे नारे लगा रही है।

2 अक्टूबर को काटली में प्रदर्शनकारियों ने एक अहम कश्मीरी राष्ट्रवादी नेता आरिफ शाहिद की हत्या के मामले में निष्पक्ष जांच की मांग भी की थी। आरिफ ऑल पार्टी नैशनल अलायंस और जम्मू-कश्मीर लिब्रेशन कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष थे। उधर, बलूचिस्तान में पाकिस्तान की ज्यादतियों और मानवाधिकार उल्लंघनों के मामले भी आएदिन सामने आते रहते हैं। मालूम हो कि विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने भी संयुक्त राष्ट्र आम सभा में बलूच लोगों पर होने वाले अत्याचारों का मुद्दा उठाया था। बलूच नेता खुद भी लगातार वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान की ज्यादतियों का मसला उठाते रहते हैं।

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button