पीएनबी फ्रॉड: नीरव मोदी की मदद के लिए पूर्व बैंक अधिकारी ने शेयर किए थे पासवर्ड्स

नई दिल्ली/मुंबई। पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) के साथ हुए 11,300 करोड़ रुपए के महाघोटाले में एक नई जानकारी सामने आई है। घोटाले में ब्रांच के पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी का नाम पहले से ही मुख्य तौर पर सामने आ रहा है। अब पता लगा है कि स्विफ्ट प्रोसेस के पासवर्ड गोकुलनाथ शेट्टी के साथ-साथ कुछ अफसरों और नीरव मोदी के लोगों को भी पता थे। सीबीआई के अनुसार नीरव मोदी और उसके लोग खुद भी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) जारी कर लेते थे।

शेट्टी ने इसके लिए जरूरी लेवल-5 पासवर्ड को नीरव के कर्मचारियों से भी शेयर किया था। उन्होंने खुद कुछ और बैंक अधिकारियों के इस घोटाले में शामिल होने की बात भी कबूली है। शनिवार को यह सारी जानकारी सीबीआई ने कोर्ट को सौंपी। इसके लिए सीबीआई ने रविवार रात को ब्रैडी हाउस ब्रांच की छानबीन भी की थी।

क्या है स्विफ्ट प्रोसेस?
यह एक मेसेजिंग नेटवर्क होता है। पैसे के लेन-देन से जुड़ी जानकारी को भेजने-रिसीव करने के लिए इसे सबसे सुरक्षित, तेज सिस्टम माना जाता है। लेकिन इस मामले में यह सिस्टम पीएनबी के इंटरनल सिस्टम से जुड़ा हुआ नहीं था। इसका मतलब यह है कि कर्मचारी को अपने आप से इंटरनल सिस्टम में एंट्री करनी होती थी और अगर वह ऐसा नहीं करता था तो हुए लेन-देन का पता ही नहीं चलता था। वो लेन-देन बैंक सिस्टम में कहीं दिखाई ही नहीं देता था।

शेट्टी ने 2010 से 2017 तक उस ब्रांच में काम किया। इस दौरान उन्होंने बैंक के इंटरनल सिस्टम में एंट्री नहीं होने दी। पासवर्ड दूसरे कर्मचारियों को पता होना पीएनबी के सीनियर बैंक अधिकारी को बड़ी आम बत लगी। उन्होंने कहा, ‘सुबह-सुबह ही बैंक में लोगों की भीड़ लग जाती है और ऐसे में 101 काम देखने होते हैं। कोई आपका काम कर रहा होता तो आप किसी और का कर देते हैं।’ हालांकि, उन्होंने भी माना कि ऐसा होना तो नहीं चाहिए।

हर ज्वैलथीफ की पहली पसंद क्यों है पीएनबी

नई दिल्ली/मुंबई। नीरव मोदी केस देखकर कई लोगों का मानना है कि यह विनसम डायमंड्स के मामले से काफी हद तक मिलता जुलता है. विनसम डायमंड्स ने बैंकों को इस कदर चूना लगाया कि इसे ज्वैल थीफ ऑफ बैंक कहा जाता है.

पिछले पांच साल में पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को विनसम डायमंड्स और श्री गणेश ज्वैलर्स ने भी चूना लगाया था. इन लोगों के काम करने का तरीका ठीक वैसा ही था जैसे नीरव मोदी का रहा है. विनसम डायमंड्स की वजह से बैंकों के कंसोर्शियम को 7000 करोड़ रुपए का घाटा उठाना पड़ा था.

विनसम ग्रुप के प्रमोटर जतिन मेहता और उनकी पत्नी 2016 में ही देश छोड़ कर चले गए. अब वो फेडरेशन ऑफ सेंट किट्स एंड नेविस के नागरिक बन गए हैं. फिलहाल माना जा रहा है कि ज्यादातर पैसा देश से बाहर जा चुका है और इसकी रिकवरी के चांस भी बहुत कम हैं. अभी तक नीरव मोदी और मेहता की भारतीय कंपनियों के पास कर्ज चुकाने लायक पैसा नहीं है. पहले विनसम और अब नीरव मोदी बार-बार पंजाब नेशनल बैंक को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है.

पंजाब नेशनल बैंक ही क्यों?

29 जनवरी को मुंबई के पंजाब नेशनल बैंक ने एक क्रिमिनल रिपोर्ट फाइल की थी. यह शिकायत तीन कंपनियों और चार लोगों के खिलाफ थी. जिन लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई उनमें नीरव मोदी और मेहुल चोकसी शामिल है. मेहुल चोकसी गीतांजली जेम्स के एमडी हैं. इन लोगों की वजह से 2.8 अरब रुपए का नुकसान हुआ है.

बैंक ने मुंबई ब्रांच के दो जूनियर कर्मचारियों पर यह आरोप लगाया है कि बगैर क्रेडिट लिमिट या मार्जिन फंड के ही लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी कर दिया. इन्हीं एलओयू के जरिए कंपनियां विदेश में सस्ती दरों पर लोन लेती हैं.

 

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