पीएनबी बैंक का स्ट्रांग रूम तोड़ कर, 30 लॉकरों से 5 करोड़ का कैश और ज्वेलरी गायब

मोदीनगर। उत्तर प्रदेश में बढ़ती आपराधिक घटनाओं में एक कड़ी ऐसी जुड़ गई जिससे बैंक के लाकर्स में जेवर व नगदी रखने वालों की नींद हराम कर दी। बैंक के के लॉकर्स सामान्यतः बैंक के स्ट्रांग रूम के अंदर ही बनवाई जाते है।अपने नाम के अनुरूप स्ट्रांग रूम के अन्दर जाना आसान नही होता।

सबसे दुःखद स्थिति यह होती है कि लॉकर्स में रखे सामान का न तो कोई लेख जोखा होता है और न ही उसमे से सामान गायब होने पर बैंक का कोई दायित्व होता है।

यूपी के गाजियाबाद के मोदीनगर में पीएनबी बैंक में सेंध लगाकर चोरों ने पांच करोड़ की कीमत के कैश और ज्वैलरी पर हाथ साफ कर दिया। सोमवार की सुबह बैंक खोलने पहुंचे कर्मचारी वहां के हालात देख सन्न रह गए। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।बैंक की लापरवाही भी सामने आई है।

गाजियाबाद के मोदीनगर में मोदी कपड़ा मिल स्थित पीएनबी शाखा में बेखौफ बदमाश बैंक की दीवार तोड़कर 30 लॉकरों से करोड़ों के जेवरात और जरूरी दस्ता वेज ले उड़े। सोमवार सुबह जब बैंक खुला तो इस सेंधमारी का पता चला।

लॉकर टूटने की सूचना पर बैंक अधिकारियों और पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। ग्राहक भी यह जानने के लिए जमे रहे कि जो लॉकर टूटे हैं, वो उनके हैं या नहीं।

शनिवार और रविवार की छुट्टी के बाद सोमवार को बैंक खुला। सहायक प्रबंधक अनिल भार्गव ने सुबह 9:45 बजे बैंक में प्रवेश किया तो स्ट्रांग रूम के पास सूरज की रोशनी दिखाई दी। अंदर जाकर देखा तो दीवार और लॉकर टूटे पड़े थे। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। एसपी देहात ने बताया कि रात को किसी समय बैंक के पीछे की दीवार तोड़कर लॉकर तोड़े गए हैं। पीड़ित ग्राहकों से पूछताछ के बाद चोरी हुए जेवरात और नकदी की कीमत पांच करोड़ से अधिक आंकी जा रही है।

शाखा प्रबंधक अशोक श्रीवास्तव ने बताया कि जिन ग्राहकों के लॉकर हैं, उन्हें अपने सामान की सूची बैंक को देनी होगी। इसके बाद  एक पैनल ग्राहक से पूछताछ कर यह तय करेगा कि उसका बताया गया सामान लॉकर में था या नहीं। इसके लिए ग्राहक जेवरात व अन्य सामान के सबूत दिखा सकते हैं। अब पीड़ितों के सामने समस्या है कि वह पुश्तैनी जेवरात के बारे में क्या सबूत देंगे।

इस मामले में बैंक की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। पुलिस के अनुसार, बैंक में लगे सुरक्षा अलार्म सेंसर जांच में खराब पाया गया है। इस वजह से चोर जब बैंक में घुसे तो अलार्म नहीं बजा। जिस दीवार को तोड़कर लुटेरे घुसे वह मात्र चार इंच चौड़ी थी, मानकों के हिसाब से यह चौड़ाई कम है।

 

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