पीएम मोदी की किसान कल्याण रैली पर अखिलेश का बड़ा हमला, कहा- बीजेपी राज में किसान की सबसे ज्यादा दुर्दशा है

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शाहजहांपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किसान कल्याण रैली को किसानों का मजाक करार दिया. उन्होंने कहा कि आज किसान कल्याण रैली करके झूठे वादे करने की जरूरत नहीं है, बल्कि ये बताने की है कि जो न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित है, बीजेपी सरकार कब, कैसे और किसके माध्यम से देगी.

अखिलेश ने कहा कि समाजवादी सरकार द्वारा प्रस्तावित आम, अनाज, सब्जी और ग्रेटर नोएडा की मंडी क्यों नहीं बनाई गई? किसान अभी भी कर्जमाफी का इंतजार कर रहे हैं. उधर योगी सरकार कह रही है कि उसने कर्जमाफी का वादा पूरा कर दिया है. ये लोग वादा भी इस तरह पूरा करते हैं कि लाभार्थी को पता ही नहीं चलता.

सपा प्रमुख ने कहा कि यह बात तो किसी से छुपी नहीं है कि बीजेपी राज में किसान की सबसे ज्यादा दुर्दशा है. समाजवादी सरकार में किसानों की कर्जमाफी के साथ उसकी बंधक जमीन की नीलामी पर भी रोक लगा दी गई थी. मुफ्त सिंचाई की व्यवस्था थी और नियमित विद्युत आपूर्ति हो रही थी. बीजेपी राज में किसान की जमीन कर्ज में फंसी है. उसे उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि गेहूं क्रय केंद्रों में किसानों से बदसलूकी होती है. गन्ना किसानों का अभी तक बकाया अदा नहीं हुआ है. बीजेपी ने अन्नदाता को धोखा देने में रिकार्ड बना लिया है.

Akhilesh Yadav

@yadavakhilesh

आज आवश्यकता किसान कल्याण रैली करके झूठे वादे करने की नहीं है बल्कि ये बताने की है कि जो MSP घोषित की गई है वो सरकार कब, कैसे और किसके माध्यम से देगी और हमारे द्वारा प्रस्तावित आम, अनाज, सब्ज़ी व ग्रेटर नोएडा की मंडी क्यों नहीं बनायी. किसान अभी भी ऋण माफ़ी का इंतज़ार कर रहे हैं.

अखिलेश ने कहा कि प्रधानमंत्री लाख छिपाएं, मगर सच तो यह है कि किसान को खेती में अपनी फसल का लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा है. खाद, ट्रैक्टर, कीटनाशक दवाइयों पर जीएसटी को मार पड़ रही है. कर्जमाफी में भी घोटाला हुआ है. कर्ज से परेशान लगभग 40 हजार किसान बीजेपी राज में आत्महत्या कर चुके हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी ने किसान और गांव-खेती को अपनी प्राथमिकता में कभी नहीं रखा है. किसान उसके लिए सिर्फ वोट बैंक है. गांवों के विकास में उसकी रुचि नहीं. किसान और गांव की जगह भाजपा की विशेष रुचि कारपोरेट घरानों में है. इसीलिए बीजेपी सरकार के केंद्र के 5 बजट और राज्य के 2 बजट में खेती के लिए विशेष सुविधाएं नहीं दी गईं.

अखिलेश ने कहा कि ‘किसानों की आय दुगनी’ करने का वादा कब और कैसे पूरा होगा, यह आज तक प्रधानमंत्री ने नहीं बताया है. किसानों को उम्मीद थी कि उनकी समस्याओं का समाधान होगा, पर सिर्फ बातों से बहलाया जा रहा है, यह सहनशक्ति की पराकाष्ठा है.

 

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