पीएम मोदी की रैली में छात्रों को पहुंचने का आदेश पर विवाद

इंदौर। संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125 वीं जयंती पर उनकी जन्मस्थली महू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के सिलसिले में इंदौर जिले के करीब 200 निजी महाविद्यालयों को भेजा गया सरकारी आदेश विवादों में घिर गया है। इस आदेश में निजी कॉलेजों के प्रशासन से कहा गया है कि उन्हें प्रधानमंत्री की सभा में 100-100 विद्यार्थियों को अपने खर्च पर ‘अनिवार्य रूप से’ भेजना होगा।

आदिवासी विकास विभाग की सहायक आयुक्त मोहिनी श्रीवास्तव की ओर से निजी कॉलेजों को सात अप्रैल को जारी आदेश में कहा गया कि अम्बेडकर जयंती के उपलक्ष्य में महू में प्रधानमंत्री का सम्बोधन होना है। इसलिए आप इस कार्यक्रम में अपनी संस्था से 100 विद्यार्थियों को संस्था की बस सहित अपने खर्च पर जरूर भेजें। हर बस के साथ एक अध्यापक को भी भेजने की व्यवस्था करें। इस आदेश पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने गहरी आपत्ति जताई है।

पीएम मोदी की रैली में छात्रों को पहुंचने का आदेश पर विवाद

संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125 वीं जयंती पर उनकी जन्मस्थली महू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के सिलसिले में इंदौर जिले के करीब 200 निजी महाविद्यालयों को भेजा गया सरकारी आदेश विवादों में घिर गया है।
 प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के के मिश्रा ने आज कहा कि यह तुगलकी फरमान ऐसे वक्त जारी किया गया, जब कॉलेजों में परीक्षाएं चल रही हैं। इस फरमान से साफ जाहिर होता है कि पिछले 22 महीनों में मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ कितना गिर चुका है। अब हालत यह हो गयी है कि उनके कार्यक्रम में भीड़ जुटाने के लिये विद्यार्थियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
 

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