पीएम मोदी को फिलीस्तीन में ‘सर्वोच्च सम्मान’, भारत में विपक्ष को लगी मिर्ची

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अब तक के कार्यकाल में कई बार इतिहास रचा है. कई ऐसे काम हैं जो भारत के किसी प्रधानमंत्री ने पहले नहीं किए थे, वो अब पीएम मोदी कर रहे हैं। इजरायल की यात्रा करने वाले वो पहले प्रधानमंत्री हैं, मोदी की इजरायल यात्रा से देश में ही उनके विरोधी परेशान हो गए थे, कहने लगे कि भारत की विदेश नीति में इजरायल की तुलना में फिलीस्तीन का ज्यादा महत्व है, ऐसा इसलिए क्योंकि पहले के प्रधानमंत्री वोटबंक की राजनीति के चक्कर में इजरायल से कन्नी काटते रहे थे। लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी ने इस परंपरा को बदल दिया। उसके बाद अब वो फिलीस्तीन की यात्रा करने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं।

नरेंद्र मोदी की फिलीस्तीन यात्रा से भारत के सियासी समीकरण जरूर बदलंगे, पहले की सरकारों में प्रधानमंत्रियों ने मुस्लिम वोटबैंक के कारण इजरायल की यात्रा नहीं की, लेकिन वो फिलीस्तीन भी नहीं गए. पीएम मोदी ने दोनों ही परंपराओं को तोड़ दिया है। फिलीस्तीन की यात्रा भले ही छोटी है, लेकिन इसका व्यापक असर दोनों देशों के संबंधों में देखने को मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत फिलीस्तीन में जिस अंदाज में किया गया, उस से पता चल रहा है कि इस देश को किसी भारतीय प्रधानमंत्री के आगमन का कितना इंतजार था। मोदी को फिलीस्तीन पहुंचने पर सर्वोच्च सम्मान दिया गया। मोदी को फिलीस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने ग्रैंड कॉलर प्रदान किया. ग्रांड कॉलर विदेशी मेहमान को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान होता है.

फिलीस्तीन से पहले पीएम नरेंद्र मोदी जॉर्डन भी गए थे, वहां से वो फिलीस्तीन पहुंचे, जहां पर राष्ट्रपति ने प्रोटोकॉल तोड़कर उनका स्वागत किया। मोदी ने भी फिलीस्तीन के लोगों का दिल जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी, वो यासिर अराफात की समाधि पर पहुंचे और उनको श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने फिलीस्तीन में हमेशा शांति का पक्ष लिया, इस देश में शांति और विकास हो भारत हमेशा इसका समर्थन करेगा। मोदी ने अभूतपूर्व स्वागत के लिए फिलीस्तीन का शुक्रिया भी अदा किया। उन्होंने कहा कि जिन कठिनाइयों और चुनौतियों के बीच फिलीस्तीन के लोग आगे बढ़े हैं, वो तारीफ के काबिल है। पीएम ने कहा कि दोनों देशों के अच्छे संबंधों का फायदा सभी को होगा।

अब पीएम मोदी के फिलीस्तीन दौरे का भारतीय राजनीति पर क्या असर पड़ेगा इस के बारे में बात करते हैं, दरअसल फिलीस्तीन के साथ भारतीय मुसलमानों का भावनात्मक जुड़ाव है, मोदी के फिलीस्तीन जाने से उनके मन पर भी कुछ असर पडे़गा, इसका असर चुनाव में दिखाई दे सकता है, यही कारण है कि विपक्ष के नेताओं की हालत खराब है, उनको समझ नहीं आ रहा है कि वो किस तरह से मोदी के इस दौरे पर बयान दें, मोदी ने फिलीस्तीन जाकर कांग्रेस की सेक्युलर राजनीति को बेनकाब कर दिया, अगर कांग्रेस सेक्युलर है तो आज तक कांग्रेस का काई प्रधानमंत्री फिलीस्तीन क्यों नहीं गया, आजादी के इतने सालों बाद मोदी ने ये कदम उठा कर एक तीर से कई निशाने साधे हैं। जिनका फायदा निश्चित तौर पर बीजेपी को होगा।

 

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