पीलीभीत : कब्र में दफ़न शिक्षक पिछले दो साल तक लेता रहा वेतन, बीएसए ने दिए जांच के आदेश

यूपी के पीलीभीत बेसिक शिक्षा विभाग में सरकारी धन का हेराफेरी किए जाने का बड़ा मामला सामने आया है। दो साल पहले भगवान को प्यारे हो चुके गुरु की शिक्षा विभाग दो साल तक लगातार वेतन देता रहा। मामले का खुलासा होने पर बीएसए ने जांच के आदेश दिए है।

 

जानकारी के मुताबिक बिलसंडा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय में अरविंद कुमार ने 5 नवंबर 2015 को अध्यापक का पद ग्रहण किया था और एक साल बाद 22 मई 2016 को अध्यापक अरविंद की मौत हो गई। मई 2016 में अध्यापक की मौत के बाद भी शिक्षा विभाग भगवान को प्यारे हो चुके गुरु जी को नवंबर 2018 तक वेतन भुगतान करता रहा।
अध्यापक के मौत के बाद मृतक आश्रित कोटे से पत्नी ने अपना आवेदन पत्र दाखिल किया तो जांच के दौरान वित्तीय अनिमियता खुलकर सामने आई। जब यह मामला मीडिया में आया तो शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। मामला मीडिया में तब आया जब मृतक आश्रित की पत्नी वंदना अपनी नियुक्ति के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र स्वरूप के पास गई। जिस पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र स्वरूप ने मृतक आश्रित पत्नी वंदना की नियुक्ति से पहले खंड शिक्षा अधिकारी से मृतक अरविंद की सैलरी के संबंधित पूछताछ की।
जांच के दौरान सामने आया कि वर्ष 2016 में मौत के बाद से लगातार अरविंद के नाम पर सैलरी निकलती रही। जिस पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र स्वरूप भड़क उठे और मामले में जांच के आदेश दिए है। बेसिक शिक्षा अधिकारी का दावा है कि निश्चितरूप से पूर्व में रह चुके खंड शिक्षा अधिकारी, लिपिक, संकुल प्रभारी व प्रधानाध्यापक की इस पूरे मामले में प्रथम दृष्टया लापरवाही प्रतीत हो रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्यवाई की जाएगी।
 

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