पुरस्कार लौटाने वाले मुनव्वर मिले मोदी से गले, तो क्या यूपी सरकार में मिलेगी बड़ी भूमिका मुनव्वर राणा

नई दिल्ली। बिहार चुनाव से ठीक पहले देश में मची असहिष्णुता की तीखी बहस के बीच पुरस्कार वापस करने वाले प्रख्यात शायर मुनव्वर राणा का दिल लगता है बदल गया है। मोदी के प्रति बढ़ी मोहब्बत कहें या फिर बदला नजरिया। शायरी के  बड़े नाम राणा ने शुक्रवार को नई दिल्ली के सात कल्याण रोड स्थित प्रधानमंत्री आवास पहुंचकर चौंका दिया। मोदी से पहले से उनकी मीटिंग फिक्स थी।

अगर किसी और वक्त यह मुलाकात होती तो तो इसके मायने नहीं  निकाले जाते। मगर, यह मुलाकात ऐसे वक्त हुई है, जब कि यूपी में सत्ता बदलने के बाद  उर्दू अकादमी, हज कमेटी, अल्पसंख्यक आयोग जैसी संस्थाओं के चेयरमैन पदों पर नियुक्ति होने वाली है।  सियासी गलियारे में माना जा रहा है कि इस मुलाकात का  कहीं नियुक्तियों से कनेक्शन तो नहीं है। मुनव्वर राणा के आलोचकों का कहना है कि मोदी 2014 से प्रधानमंत्री हैं, जब असहिष्णुता के मुद्दे पर उन्होंने पुरस्कार वापस किया तो बुलावा भी आया था। मगर इसके बाद भी मुनव्वर उनसे मिलने नहीं गए।

मुनव्वर राणा ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात को लेकर मीडिया से भी बातचीत की। बोले कि उन्होंने मां पर लिखी किताब -आपकी अम्मा के लिए-उन्हें भेंट की। वे मोदी को आदर्श मानते हैं क्योंकि पीएम की मां उनके लिए आदर्श हैं। मुनव्वर ने बताया कि मोदी ने उनके पैर के घाव के बारे में जानकारी ली। दरअसल ऑपरेशन होने के बाद रॉड से इन्फेक्शन हो गया था। मुनव्वर ने बताया कि यूपी में योगी सरकार की शुरुआत ठीक है। हालांकि राम जन्म भूमि  और तीन तलाक के मुद्दे से उन्होंने भाजपा सरकार को बचने की भी सलाह दी।

 

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