पुष्पा सेल्स के मालिक मनीष भंडारी ने अपना गुनाह कबूल किया !

लखनऊ। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के मामले में आरोपी पुष्पा सेल्स के मालिक मनीष भंडारी ने क्या अपना गुनाह कबूल कर लिया है ? अन्दर खाने के जिम्मेदार तो यही बता रहे हैं  कि उसने यह मान लिया है कि उसे ऑक्सीजन सप्लाई रोकनी नहीं चाहिए थी. लेकिन चूँकि मामला कोर्ट में है तो महत्वपूर्ण यह है कि अदालत के सामने मनीष क्या अपना गुनाह स्वीकार करेगा ? और कोर्ट इस पर अपना फैसला क्या देती है.  फिलहाल मनीष  भंडारी  अभी 14 दिन की रिमांड पर है.

ज्ञात हो मनीष को रविवार की सुबह देवरिया बाईपास से पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पुलिस ने उसे रविवार को ही कोर्ट में पेश कर रिमांड पर ले लिया था. लगभग एक माह तक पुलिस को छकाने के बाद वह कल पुलिस की गिरफ्त में आया. सूत्रों के अनुसार मनीष ने माना है कि उसे ऑक्सीजन सप्लाई रोकनी नहीं चाहिए थी. सूत्र बताते हैं कि जहाँ उसने अपनी गलती मानी है वहीँ इस प्रकरण से जुड़ी कई और महत्वपूर्ण जानकारियाँ भी दी हैं. इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि अभी इस प्रकरण में कुछ और लोग भी लपेटे में आयेंगे, और  इसमें कई बड़ों के फंसने की संभावना है.

ज्ञात हो कि बीती 10-11 अगस्त को गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई बाधित हो गयी थी जिसके बाद उसी रात को 30 बच्चों की मौत हो गयी थी. हालांकि सरकार ने ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत होने की बात को शुरू से ही ख़ारिज कर दिया था. लेकिन जांच कमेटी की रिपोर्ट में व्यवस्था गड़बड़ होने, पुष्पा सेल्स के बकाये भुगतान को जानबूझकर रोकने, डाक्टर के प्राइवेट प्रैक्टिस में लिप्त होने जैसे आरोपों को लेकर 9 लोगों को दोषी पाया गया था. इन सभी के खिलाफ एफआईआर लिखवाई गई थी. इसी क्रम में पुष्पा सेल्स के मालिक मनीष भंडारी को ऑक्सीजन सप्लाई रोकने का दोषी माना गया. सप्लाई रोकने को क्रिमिनल एक्ट की श्रेणी में मानते हुए भंडारी के खिलाफ पुलिस में प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक ने  रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button