पूर्व BJP MLA के बेटे की गोली मारकर हत्या, हिस्ट्रीशीटर और दोस्तों की हुई पहचान

लखनऊ। राजधानी का दिल कहे जाने वाले हजरतगंज स्थित कसमांडा आपार्टमेंट की पार्किंग में BJP MLA के बेटे की गोली मारकर हत्याकर दी गयी। इतना ही नहीं गोली चलाने के बाद हत्यारे आराम से फरार होने में कामयाब हो गये। शहर में बदमाशों के हौंसले बुलंद हो गये हैं। जो पुलिस के सुचिता पर सवाल खड़ा कर रहे हैं।विधानभवन से मात्र 200 मीटर कि दूरी पर हुई। जहाँ विधानमंडल का शीत सत्र चल रहा है. पूरा इलाका सीसीटीवी से लैस से लैस होने कि वजह से हत्यारों की पहचान करने में खास दिक्कत नहीं हुई।

हजरतगंज के कसमंडा हाउस में पूर्व विधायक पुत्र को उसके परिचितों ने गोली मार दी। घटना को अंजाम देने वाले उसके परिचित आसानी से फरार हो गए। वहीं खून से लथपथ पूर्व विधायक पुत्र को इलाज के लिए ले जाया गया। जहां उसने दम तोड़ दिया। तकरीबन दस बजे रात को यह सनसनीखेज वारदात अंजाम दी गयी।

कसमंडा हाउस अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 322 में रहने वाले डुमरियागंज के पूर्व विधायक जिप्पी तिवारी के बेटे वैभव तिवारी को घर के नीचे स्थित पार्किंग पर बुलाकर गोली मार दी गयी। चार पहिया से आए कुछ युवकों ने वैभव को फोन कर नीचे बुलाया। वैभव के नीचे आते ही किसी बात पर युवकों से उसकी बहस हुयी। जिसके बाद उसे गोली मार दी गयी।

घटना को अंजाम देने के बाद बदमाश आसानी से कार से फरार हो गए। हजरतगंज चौराहे पर भारी पुलिस बंदोबस्त रहता है और यह शहर की दिल है । यहां पर चौबीस घंटे पुलिस का पहरा रहता है।

लेकिन इस सनसनीखेज वारदात से पूरे इलाके में डर का माहौल है। इस पूरे मामले  की सच्चाई जानने व परतो को खोलने के लिए पुलिस ने आनन-फानन कई टीमें भी लगा दी है।

हत्यारों कि हुई पहचान

पूर्व BJP विधायक जिप्पी तिवारी के एकलौते बेटे वैभव तिवारी के हत्यारों की पहचान कर ली गयी है। पुलिस ने पार्किंग और चौराहे पर लगे सीसीटीवी कि फुटेज से हत्यारों की पहचान कर उनकी तलाश में छापेमारी शुरू कर दी है। पुलिस वैभव तिवारी की हत्या के पीछे आपसी लेनदेन और पुरानी रंजिश का मामला मानकर छानबीन कर रही है। हत्यारे वैभव के परिचित थे. और उअको विक्रम सिंह हिस्ट्रीशीटर ने गोली मारी थी। पुलिस की माने तो कि वैभव की हत्या में विक्रम के अलावा वैभव के दोस्त प्रॉपर्टी डीलर सूरज भी शामिल है।

वैभव तिवारी ने MBA कि पढ़ाई IIM अहमदाबाद से की थी। MBA करने के बाद वैभव तिवारी ने सूरज और वैभव के साथ मिलकर प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करने लगा। ये साझेदारी 3 साल तक ही चली अब दोनों अपना अलग काम करने लगे थे। हत्या की वारदात से कुछ समय पहले वैभव अपने रिश्तेदार आदित्य के साथ कस्मंडा के बहार टहल रहा था।

घटना से पूर्व वैभव के पास सूरज ने फोन किया और उसे हजरतगंज बुलाया। जिसपर वैभव ने जने से इनकार कर दिया। वैभव के फोन पर बात करते देख आदित्य घर चला गया। कुछ देर बाद आदित्य ने देखा कि सूरज और वैभव में बहस हो रही थी।बिज़नस को लेकर बहस इतनी बढ़ गयी कि सूरज के साथ आये विक्रम ने पिस्तौल से गोली मार दी।

गोली लगने के बाद खून से लथपथ हालत में वैभव को लोहिया अस्पताल ले जाया गया। लोहिया पहुँचने से पहले ही वैभव कि मौत हो चुकी थी। वैभव डुमरियागंज के दमनापुर का प्रधान भी रह चुका था।

अपर पुलिस महानिदेशक अभय प्रसाद ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता लगा है कि BJP MLA के बेटे वैभव को कुछ लोगों ने कसमंडा हाउस स्थित उनके आवास से नीचे बुलाया। वैभव नीचे आया तो उनके बीच बातचीत के दौरान विवाद हो गया और उन्हें गोली मार दी गई, जिससे उनकी मौत हो गई।

 

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