प्रदेश में निष्ठा से काम करना हर किसी के बस की बात नहीं :एसपी सिंह

IAS Surya Pratap Singhतहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, लखनऊ। “आज किसी अफसर ने सत्तारूढ़ दल के ‘छूट भैया नेता’ की भी सही-गलत बात नहीं मानी, बस हो जाती हैं उनकी नजरें तिरछी. इसलिए अफसरों ने भी बहती गंगा में हाथ धोने को ही अपनी कार्यशैली का अंग बना लिया. इससे दो काम तो हो गए –’राजनैतिक आका’ खुश हुए और अपना ‘व्यक्तिगत’ स्वार्थ भी पूरा हो गया, परन्तु पिसता रह गया, अभागा जन-सामान्य. ‘नौकरशाही’ का बहुत बड़ा वर्ग ‘जाति’ तथा ‘राजनैतिक’ विचारधारा के आधार पर बंट गया है. मलाईदार उच्च पदों के लिए बोली लगायी जाती है. प्रशासनिक व्यवस्था के शीर्ष पर बैठे ‘राजनैतिकगणों’ में 54 फीसदी आपराधिक प्रष्ठभूमि और कम पढ़े लिखे होने के कारण ‘नीतिगत’ निर्णयों में उनकी सक्रिय भागीदारी लगभग नगण्य है. वे स्वार्थपरता के वशीभूत निर्णय लेने में ज्यादा रूचि दिखाते है. जातिवाद, क्षेत्रवाद, छदम धर्मनिरपेक्षता ने क्या इसे उल्टा-पुल्टा प्रदेश नहीं बना दिया है. अब इस प्रदेश में निष्ठा से काम करना हर किसी के बस की बात नहीं”. यह बात कई विभागों में प्रमुख सचिव की जिम्मेदारी निभा चुके एसपी सिंह ने लगभग एक दर्जन मामलों में भ्रष्टाचार के सवाल पर सामाजिक मंच पर कही.

उन्‍होंने कहा कि उनमें से शायद ही बतौर आईएएस किसी भी मामले में सरकार या नियामक एजेंसियों के लिए जांच को लिखा. इस सवाल पर उनका कहना है कि मैंने सामान्य आदमी के तौर पर यह सवाल उठाए. सामान्य आदमी की तरह जो सवाल अहम हैं, बतौर आईएएस उनके लिए अपने अधिकार का इस्तेमाल क्यों नहीं. एसपी सिंह मानते हैं कि वह शिकायत कर सकते थे लेकिन उन्होंने नहीं किया. उनका कहना है कि मैं जो कर सकता था वह मैंने किया, दूसरे इतना भी नहीं करते. आवेदन में  प्रदेश में भ्रष्टाचार, जातिवाद, क्षेत्रवाद और अपराध चरम पर होने के आरोप लगाए.

दो दशक से अधिक आईएएस की नौकरी करने के बाद रिटायरमेंट के छह महीने पहले 1982 बैच के आईएएस सूर्यप्रताप सिंह सिस्टम से खफा हो गए हैं. उन्होंने मुख्य सचिव को वीआरएस के लिए आवेदन किया है. आवेदन में उन्होंने प्रदेश में चल रही गड़बड़ियों की लंबी फेहरिस्त भी लिखी हैं, जिनको वह पिछले कुछ महीनों से सार्वजनिक मंचों पर उठाते रहे हैं. हालांकि एसपी सिंह के वीआरएस में उनको जारी की गई नोटिस का पेच फंस सकता है. सूर्यप्रताप दिसंबर में रिटायर हो रहे हैं. सार्वजनिक उद्यम विभाग के प्रमुख सचिव सूर्यप्रताप सिंह ने मुख्य सचिव के यहां वीआरएस के लिए आवेदन हालांकि शुक्रवार को किया है लेकिन अपने फेसबुक अकाउंट पर उसे गुरुवार की रात ही जारी कर दिया था. सरकार फिलहाल आईएएस के आवेदन का परीक्षण कर रही है. प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि जांच लंबित रहने के दौरान वीआरएस मिलना मुश्किल है.

 

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