प्रधानाचार्य की नियुक्ति में फर्जीवाड़े की शिकायत

लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद (State Employees Joint Council ) के अध्यक्ष ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति अवगत कराया है कि पीसीएस 2018 भर्ती प्रक्रिया में विवाद खड़ा हो गया है। इसकी जांच के लिए परिषद् द्वारा मुख्यमंत्री (Chief Minister) को पत्र लिखा गया है। इस सम्बन्ध में बताया गया है कि पीसीएस 2018 के 988 पदों पर भर्ती निकाली गई थी। इसमें प्रधानाचार्य के 83 पद थे।

अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर चयन प्रस्तावित था

प्रधानाचार्य पद के अभ्यर्थियों को 27 जून तक संयुक्त निदेशक शिक्षा की ओर से प्रतिहस्ताक्षरित 3 वर्ष का अनुभव प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य था। इसी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर चयन प्रस्तावित था।

अन्यत्र रह कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं

संज्ञान में आ रहा है कि चयन सूची में ऐसे अभ्यर्थियों का चयन हो गया है जिनके अनुभव प्रमाण पत्र संयुक्त शिक्षा निदेशक द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित नहीं है। बहुत सारे अभ्यर्थी जो प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापक हैं, हाईस्कूल स्तर पर जिनकी नियुक्ति को 3 वर्ष भी नहीं हुए हैं, अथवा स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में अध्यापन हेतु औपचारिक रूप से नामांकित हैं और अन्यत्र रह कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।

उन्हें भी डिग्री कॉलेज स्तर पर निर्गत अनुभव प्रमाण पत्रों के आधार पर चयनित कर लिया गया है, जबकि चयन के लिए संयुक्त निदेशक शिक्षा द्वारा अनुभव प्रमाण पत्रों पर प्रतिहस्ताक्षर होना आवश्यक है। कई अभ्यर्थियों ने आयोग के अध्यक्ष को पत्र लिखकर शिकायत भी की है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

 

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