प्रियंका गांधी का राजनीति में पहला कदम, ‘परनाना’ की सीट से लड़ेंगी चुनाव

लखनऊ। राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा था कि भारत वंशवाद से ही चलता है, उन्होंने कई उदाहरण गिनाए थे, अब लग रहा है कि कांग्रेस ने अपने अध्यक्ष की दिखाई राह पर चलने का फैसला कर लिया है, राहुल पर तो वंशवादी परंपरा से राजनीति में आने का आरोप लगता ही रहा है, अब उनकी बहन भी राजनीति में आने वाली हैं, सूत्रों का कहना है कि प्रियंका गांधी जल्द ही राजनीति में आ सकती हैं, राहुल जहां अपने पिता की लोकसभा सीट से चुनावी राजनीति में कदम रखा था तो उनकी बहन अपने परनाना की लोकसभा सीट से सियासी सफर शुरू करने वाली हैं। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या की सीट फूलपुर खाली हो गई है, इस सीट पर उपचुनाव होने वाले हैं।

कांग्रेस के कार्यकर्ता कई दिनों से मांग कर रहे हैं कि प्रियंका गांधी को राजनीति में आना चाहिए। अभी तक वो केवल अपनी मां के चुनाव का प्रबंधन देखती थीं, अमेठी और राय बरेली में वो कभी कभी प्रचार के लिए जाती थीं। मगर कांग्रेस उनको भी चुनावी राजनीति में उतारने की सोच रही है। अमेठी में बुधवार को हुई जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक में प्रियंका के नाम पर सहमति बनी. इस दौरान बैठक में प्रियंका के समर्थन में कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। फूलपुर की सीट बीजेपी के लिए बहुत अहमियत रखती है, केशव प्रसाद मौर्या यहीं से जीतकर सांसद बने थे, बाद में वो यूपी सरकार में डिप्टी सीएम बन गए, जिस से उन्हे फूलपुर सीट से इस्तीफा देना पड़ा।

कांग्रेस की नजर फूलपुर सीट पर है, यहां से जवाहर लाल नेहरू चुनाव लड़ा करते थे। अगर कांग्रेस ये सीट बीजेपी से छीनने में कामयाब हो जाती है तो ये कांग्रेस के लिए लोकसभा चुनाव से पहले बोनस होगा,.इसलिए यहां से किसी ऐसे शख्स को उतारने की योजना बन रही है जो जीत सके, गांधी परिवार की परंपरागत सीट होने के कारण प्रियंका के नाम पर सहमति बनती दिख रही है। कांग्रेसी कार्यकर्ता इस खबर से काफी उत्साहित हैं, उनको लग रहा है कि प्रियंका के आने से जीत पक्की हो जाएगी। प्रियंका को फूलपुर से चुनाव लड़ाने का प्रस्ताव हाईकमान के पास भेजा जाएगा, उसके बाद फैसला होगा कि वो कहां से चुनाव लड़ेंगी, या फिर नहीं लड़ेंगी, अगर प्रियंका यहां से चुनाव लड़ती हैं तो कांग्रेस जीत की उम्मीद तो कर सकती है लेकिन कई तरह के आरोप भी लग सकते हैं।

कांग्रेस पर वंशवाद के आरोप तो सालों से लग रहे हैं, ये भी कहा जाता है कि कांग्रेस केवल गांधी नेहरू परिवार की पार्टी है, इस परिवार से कितने ही नेता निकले हैं। ऐसे में प्रियंका गांधी का चुनाव लड़ना भले ही फौरी तौर पर राहत भरा हो सकता है लेकिन भविष्य के लिए कांग्रेस एक ऐसा मुद्दा खड़ा कर देगी जिसे बीजेपी जमकर भुनाएगी, राहुल गांधी को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से माहौल बनाया था, कांग्रेस उस से उबर नहीं पाई है, अगर प्रियंका भी राजनीति में आ गई तो कांग्रेस को दोहरा हमला झेलना होगा। बहरहाल अभी कांग्रेस हाईकमान और अध्यक्ष राहुल गांधी को फैसला लेना है कि उनकी बहन कहां से चुनाव लड़ेंगी। फूलपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव 11 मार्च को होना है. इसके लिए पर्चे 20 फरवरी तक दाखिल किये जाएंगे।

 

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