फिल्म अवार्ड लौटाने वालों पर बरसे अनुपम-परेश
नई दिल्ली। साहित्यकारों के अवॉर्ड लौटाने का सिलसिला कुछ थमा तो अब एफटीटीआई से जुड़े लोगों ने इस्तीफों का दौर शुरू कर दिय़ा है। इसे लेकर मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर है। दिवाकर बनर्जी जैसे फिल्मकारों सहित 11 लोग अब तक अवॉर्ड लौटा चुके हैं। कांग्रेस इसे बढ़ती असहिष्णुता का नतीजा बता रही है। वहीं अनुपम खेर और परेश रावल जैसे कलाकारों ने इसकी आलोचना की है।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि FTII के छात्रों को इसकी बधाई कि वो समाज में चेतना लाए। सरकार के खिलाफ जब इन्टेलेक्चिया जब खड़ा हो जाता है तो यही हाल होता है। गवर्नेंस के बड़े बड़े वायदे करने वाले मुद्दे नहीं संभाल पा रहे हैं। ऐसे में सरकार या तो इन लोगों को कुचलेगी जो होने नहीं दिया जाएगा, वरना इसे इस्तीफ़ा देना पड़ेगा। जबकि राशिद अल्वी ने कहा कि साहित्यकार समाज का आइना होते हैं, जो लोग अवार्ड वापस कर रहे हैं वो बस जनता का मूड बता रहे हैं।
वही बीजेपी सांसद और एक्टर परेश रावल ने इसकी आलोचना करते हुए ट्वीट किया, ओह फिर से हुल्लड़ शुरू हो गया..उन्हें अपना अलार्म क्लॉक बदल लेना चाहिए, वो देर से जागे हैं। अब अगला अवॉर्ड कौन वापस करेगा, पेंटर या डांसर?
वहीं अनुपम खेर ने लिखा, अवार्ड वापसी गैंग ने न सिर्फ सरकार का अपमान किया बल्कि ज्यूरी का भी अपमान किया है। ज्यूरी के चेयरमैन और दर्शकों का अपमान किया जिन्होंने इनकी फिल्म देखी।
फिल्मकार अशोक पंडित ने भी इन पर बरसते हुए लिखा, अवार्ड वापसी वाले लोग कुंठित हो गए हैं क्योंकि उनकी दुकान बंद हो गई है। हमारे जनसंहार पर तुम्हारी चुप्पी अवॉर्ड वापस करने की मंशा को एक्सपोज करती है। विशाल भारद्वाज, जिन्होंने नरेंद्र मोदी के खिलाफ मेमोरेंडम साइन किया था, उन्हें 5 नेशनल अवार्ड मिले हैं। ये सरकार की सहनशीलता दिखाता है।
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