उत्तर प्रदेश : अंधेर नगरी चौपट राजा

बच्चन परिवार के 3 सदस्यों को भी मिलेगी सरकारी पेंशन

खास बात यह है कि जिस राज्य की प्रति व्यक्ति सालाना आय केवल 40,000 रुपये है वह यश भारती सम्मान पाने वालों को 50,000 रुपये मासिक पेंशन के तौर पर देने जा रहा है। वह भी तब जब कि सम्मान पाने वालों में ज्यादातर लोग बेहद संपन्न आर्थिक वर्ग से ताल्लुक रखते हैं।

Big-Bतहलका एक्सप्रेस

लखनऊ। देश में साहित्य अकादमी सम्मान लौटाए जाने की लगातार आ रही खबरों के बीच उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार ने घोषणा की है कि यश भारती सम्मान पाने वालों को अब 50,000 रुपये का मासिक पेंशन दी जाएगी। इस योजना का लाभ उठाने वालों में अमिताभ बच्चन और उनका परिवार भी शामिल है।

अमिताभ, जया बच्चन और अभिषेक बच्चन को राज्य सरकार पहले ही यश भारती सम्मान दे चुकी है। इस तरह, हर महीने बच्चन परिवार के 3 सदस्य इस योजना के तहत राज्य सरकार से पेंशन हासिल करेंगे।

इस सम्मान को दिए जाने का सिलसिला साल 1994 में शुरू किया गया था। यह सम्मान उन हस्तियों को दिया जाता है जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं। अब तक लगभग 150 लोगों को यश भारती सम्मान दिया जा चुका है।

साल 1994 में जब यह पुरस्कार शुरू किया गया था तब जाने-माने साहित्यकार हरिवंश राय बच्चन को यह सम्मान दिया गया था। सिनेमा, कला, साहित्य या फिर खेल के क्षेत्र में खास योगदान के लिए यह सम्मान दिया जाता है। पहले पुरस्कार राशि 5 लाख रुपये थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 11 लाख रुपये कर दी गई। इसके साथ एक शॉल और प्रशस्ति पत्र भी दिया जाता है।

हर साल यह सम्मान कितने लोगों को दिया जाएगा इसकी कोई तय संख्या नहीं है। खास बात यह है कि जब समाजवादी पार्टी की सरकार सत्ता में होती है तब ही यह सम्मान दिया जाता है। बहुजन समाज पार्टी ने सत्ता में आने पर इस पुरस्कार को बंद कर दिया था।

इस साल की शुरुआत में राज्य सरकार ने 56 लोगों को यह सम्मान दिया था। गायिका रेखा भारद्वाज, शास्त्रीय संगीत गायक राजन व साजन मिश्रा, कवि बेकल उत्साही, अरूणिमा सिन्हा, शूटर जीतू राय, कत्थक नृत्यांगना कुमकुम धार, गजल गायिका रीता गांगुली, अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी और जिमी शेरगिल, गायक कैलाश खेर और अलका तोमर इस साल सम्मान पाने वालों की सूची में शामिल थे।

50,000 रुपये का मासिक पेंशन इस तरह के पुरस्कारों के तहत दी जाने वाली पेंशन की राशि में सबसे ज्यादा है। यह राशि तो कई सरकारी अधिकारियों के वेतन से भी ज्यादा है।

मौजूदा समय में जहां स्वतंत्रता सेनानियों (साथ में, उनकी पत्नी या पति) को 20,129 रुपये मासिक पेंशन के तौर पर मिलते हैं, वहीं पूर्व अंडमान राजनैतिक बंदियों को 23,309 रुपये का मासिक पेंशन दी जाती है। स्वतंत्रता सेनानियों की अविवाहित और बेरोजगार बेटियों को 4,770 रुपये का मासिक पेंशन दी जाती है।

यहां तक कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड कम-से-कम 25 प्रथम स्तरीय मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को 15,000 रुपये मासिक पेंशन दी जाती है। ऐसे पूर्व टेस्ट खिलाड़ी जिन्होंने कम-से-कम 100 टेस्ट मैच खेले हों उन्हें 50,000 रुपये की मासिक पेंशन मिलती है।

भारत सरकार की एक योजना के मुताबिक ऐसे बूढ़े और गरीब कलाकारों को जिन्होंने कम-से-कम 10 साल अपनी कला के दम पर आजीविका चलाई हो, 2,000 रुपये की मासिक पेंशन मिलती है।

खास बात यह है कि जिस राज्य की प्रति व्यक्ति सालाना आय केवल 40,000 रुपये है वह यश भारती सम्मान पाने वालों को 50,000 रुपये मासिक पेंशन के तौर पर देने जा रहा है। वह भी तब जब कि सम्मान पाने वालों में ज्यादातर लोग बेहद संपन्न आर्थिक वर्ग से ताल्लुक रखते हैं।

 

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