बसपा विधायक अतर सिंह राव ने कहा- ‘नमाज के लिए एक साथ आते हैं तो वोट देते समय क्यों नहीं’
लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव नजदीक है। सीएम अखिलेश यादव ने भी ‘विजय रथ’ को चलाने का ऐलान कर दिया है। बीजेपी की ओर से भी कह दिया गया है कि यूपी चुनाव की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। ऐसे में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने भी अपनी राह पकड़ ली है। वैसे तो बसपा दलितों के लिए ही जानी जाती है, लेकिन इस बार के यूपी चुनाव में बसपा मुस्लिम वोट को टारगेट कर रही है। बसपा की रैलियों में बसपा सुप्रीमो मायावती खुले तौर पर मुसलमानों को बसपा का साथ देने की बात कही चुकी हैं। मुसलमानों को रिझाने की जिम्मेदारी मायावती ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी और उनके बेटे अफजल को सौंपी है।
बीते बुधवार को पश्चिमी यूपी में एक बसपा विधायक और पार्टी के क्षेत्रीय संयोजक अतर सिंह राव ने एक बैठक की। बैठक में अतर सिंह ने कहा ‘आपकी हदीस कहती है कि सैलानियों को मंजिल तक पहुंचने के लिए एक कायद (नेता) की जरूरत होती है…दलितों ने एक नेता को चुना और उसके पीछे चले। जो समुदाय पिछले 5 हजार सालों से गुलाम था वो आपकी हदीस पर अमल करके राजा हो गया।’ राव ने कहा- ‘नमाज और जनाजे के लिए आप एक साथ आते हैं, लेकिन वोट के समय बिखर जाते हैं। जिस काफिले का कोई रहबर नहीं होता वो काफिले भटक जाते हैं, लुट जाते हैं।’
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि ‘कायद’ शब्द का इशारा नसीमुद्दीन सिद्दीकी के लिए किया गया है। बता दें कि, नसीमुद्दीन मायावती के काफी करीबी हैं। मायावती ने अपने कार्यकाल में नसीमुद्दीन को 18 मंत्रालयों का प्रभार सौंप रखा था। अतर सिंह ने बैठक में मौजूद लोगों को लाल किला, कुतुब मीनार और ताज महल की याद दिला के उनके शाही विरासत की याद भी दिलाई।
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