बस्ती : भ्रष्टाचार की भेट चढ़ रहे पंचायत भवन गुणवत्ता विहीन हो रहा है निर्माण

बस्ती।जहां सरकार एक तरफ नई नई योजना लाकर ग्राम पंचायतों के विकास के लिए अग्रसर है वही विभागीय लापरवाही से योजनाएं धरातल पर आने से पहले ही दम तोड़ने लगती हैं सरकार ने ग्राम पंचायतों में विकास के लिए पंचायत भवन बनाकर पंचायतो को मजबूत करने का प्रयास कर रही।

तो वही जिले के पंचायती राज का पूरा महकमा सरकार के इस बजट को लूटने में लग गया है।सरकार द्वारा पंचायत भवन निर्माण के लिए जारी किये गए नक्शे इस्टीमेट को दरकिनार कर कई गांवों में मानको की अनदेखी कर धड़ल्ले से कराया जा रहा गुणवत्ता विहीन पंचायत भवन का निर्माण। अधिकतर तकनीकी सहायक व अवर अभियंता को नहीं है शासन द्वारा जारी नक्शे व इस्टीमेट की जानकारी। ऐसे में कैसे होगा मुख्यमंत्री के जीरो टॉलरेंस का सपना साकार।

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ताजा मामला बस्ती जिले के हर्रैया ब्लॉक का जहां 53 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन व सामुदायिक शौचालय राज वित्त व मनरेगा के संयुक्त बजट से निर्माण कराया जा रहा है जिसमें सरकार द्वारा जारी मनको की अनदेखी कर निर्माण कराया जा रहा है निर्माण स्थल पर ना तो तकनीकी सहायक हैं ना ही अवर अभियंता कार्यदाई संस्था ग्राम पंचायत मनमाने ढंग से निर्माण कार्य करा रहे हैं । ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी नहीं सुधरा निर्माण की गुणवत्ता।

जब मीडिया की टीम ने हर्रैया ब्लाक के हरिवंशपुर ग्राम पंचायत और सरैया तिवारी ग्राम पंचायत में बन रहे पंचायत भवन निर्माण का जायजा लिया तो सभी सामग्रियों में कमियां मिली और भवन के पिलर में 6 सरिया की जगह 4 सरिया लगाकर निर्माण कार्य चालू है ईट दोयम दर्जे के मिले लोकल बालू व सीमेंट का प्रयोग भी मानक के अनुरूप नही मिला।

और कोई तकनीकी सहायक व अवर अभियंता भी कार्य स्थल पर मौजूद नही रहा ।ऐसे में गुणवत्ता पर सवाल उठाना लाजमी है ।अब सबसे बड़ा सवाल है कि इसका जिम्मेदार कौन है ?

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इस संबंध में जब खण्ड विकास अधिकारी से बात की गयी तो उन्हीने कहा कि गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए हर ग्राम पंचायतों में अवर अभियंता सेक्टर प्रभारी और सचिवों को तैनात किया गया है कि निरंतर उसकी निगरानी रखेंगे अगर कोई कमी पाई जाती है तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी ।जहां कमियां आयी हैं उनकी पुनः जांच कराई जा रही है इसके लिए जो भी जिम्मेदार लोग हैं उनसे धन की वसूली की जाएगी और उनके खिलाफ FIR दर्ज होगी गुडवत्ता से कोई समझोता नहीं होगा।

सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब हर ग्राम पंचायतों में गुणवत्ता जांच के लिए अवर अभियंता सेक्टर प्रभारी और सचिव तैनात किए गए हैं तो निर्माण स्थल पर क्यों नहीं मौजूद ।दूसरा सबसे बड़ा सवाल कमियां आने पर धन की वसूली तो होगी लेकिन निर्मित भवन भ्रष्टाचार की भेट चढ़ जाएगी।

 

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