बाबा की पतंजलि पर मेहरबान होते राज्य, 2000 एकड़ जमीन, 300 करोड़ का डिस्काउंट

नई दिल्ली। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बाबा रामदेव ने नरेंद्र मोदी को पीएम बनाने के लिए बीजेपी का पूरा समर्थन किया। वर्तमान में भी प्रधानमंत्री मोदी और बाबा रामदेव का योग मिशन पूरी दुनिया में छाया हुआ है। इस साल 21 जून को भी बाबा रामदेव गुजरात में बीजेपी नेताओं के साथ योग करते दिखे।

मोदी सरकार आने के बाद बाबा रामदेव की पतंजलि ने एफएमसीजी के बाज़ार में हिंदुस्तान यूनिलीवर, डाबर, आईटीसी, कोलगेट-पामोलिव, प्रॉक्टर एंड गैम्बल और ब्रिटैनिया इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों को पछाड़ दिया। औसतन एफ़एमसीजी में कंपनियां की सालाना 10 फीसदी की ग्रोथ है, वहीं पतंजलि आयुर्वेद ने लगातार दो वित्त वर्षों से 100 फीसदी से ऊपर की ग्रोथ दर्ज की। एक लिहाज से देखें तो मोदी सरकार केतीन साल में बाबा रामदेव की पतंजलि का विस्तार कई गुना बढ़ गया।

2016-2017 में पतंजलि का व्यवसाय 5000 करोड़ से बढ़कर 10561 करोड़ रु हो गया है। ताजा आंकड़े देखें तो दंत कांति और पतंजलि घी की बाज़ार में हिस्सेदारी क्रमशः 14 और 13.9 फीसदी की है। वहीं शैंपू बाज़ार में केश कांति 7.8 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ ताल ठोक रहा है। अब पतंजलि टैक्सटाइल से लेकर मिनिरल वाटर में भी अपने हाथ आजमाने जा रही है। देश के तकरीबन आधार से ज्यादा राज्यों में पतंजलि ही हिस्सेदारी अन्य एफ़एमसीजी के अनुपात में तेजी से बढ़ी है।

बीजेपी शाषित राज्यों में बाबा रामदेव को मिली डिस्काउंट पर जमीन 

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट की माने तो प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के बाद रामदेव की कंपनी को रियल एस्टेट के अनुमानों के अनुसार भूमि अधिग्रहण के लिए कई राज्यों में 46 मिलियन अमरीकी डालर से अधिक की छूट दी गई। यानी नरेंद्र मोदी सरकार के तीन साल में बाबा रामदेव की ‘पतंजलि’ को 2000 एकड़ जमीन मिली और इसमें 300 करोड़ की छूट दी गई।

रिपोर्ट के अनुसार मई 2014 में मोदी के पदभार ग्रहण करने के बाद पतंजलि ने फैक्ट्रियों और अनुसंधान सुविधाओं के निर्माण सहित जड़ी-बूटियों की आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करने के लिए लगभग 2,000 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया। जबकि पिछली कांग्रेस सरकार के शासन के दौरान पतंजलि अपनी जमीन को बेच रहा था। इन तीन साल में चार अधिग्रहणों में से दो जगहों पर 100 एकड़ जमीन बीजेपी के नियंत्रण वाले राज्यों की थी। तीसरी जगह ऐसी थी जहा  बीजेपी के साथ साझेदारी वाली सरकार थी।

राज्य सरकारों के दस्तावेजों के अनुसार, भाजपा द्वारा नियंत्रित राज्यों में पतंजलि को जमीन खरीदने को जो छूट मिली वह बाजर मूल्य के 77 प्रतिशत थी। रिपोर्ट की माने तो कंपनी ने दावा किया था कि वह इस जमीन का इस्तेमाल फैक्ट्रियां लगाकर रोजगार के लिए करेगी।

कहाँ-कहाँ मिली पतंजलि को जमीन ?

नागपुर (बीजेपी शाषित)

नागपुर में बीते साल सितंबर में पतंजलि फूड प्रोसेसिंग प्लांट की आधारशिला रखे जाने के दौरान परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे। यहाँ पतंजलि ने 234 एकड़ जमीन के लिए 59 करोड़ रुपए चुकाए थे। यह जमीन राज्य के स्पेशल इकनॉमिक जोन से सटी थी, जिसकी बाजार में कीमत 260 करोड़ रुपए से अधिक थी। इस जमीन पर पतंजलि को 78 प्रतिशत का डिस्काउंट दिया गया। जमीन सस्ते में पतंजलि को इसलिए दी गई, क्योंकि वह विकसित नहीं थी। वहां तक पहुंचने के लिए सड़क भी नहीं थी।

बलीपारा असम (बीजेपी शासित )

नवम्बर 2016 में बीजेपी की सत्ता वाले आसाम के बलीपारा में बाबा रामदेव की पतंजलि को 148 एकड़ जमीन दी गई। इस जमीन को बाबा रामदेव को 30 साल के लिए लीज पर 36 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ दिया गया।

चिरांग आसाम

 सबसे बड़ा ट्रांजैक्शन 2014 में अक्टूबर और दिसंबर में असम के पूर्वी हिस्से में हुआ था। इसमें 1200 एकड़ जमीन ट्रांसफर की गई थी। दस्तावेज बताते हैं कि यह जमीन पतंजलि योगपीठ को गाय का संरक्षण करने की शर्त पर मुफ्त में दे दी गई थी।

पंचकुला हरियाणा (बीजेपी शाषित)

साल 2017 में हरियाणा के पंचकुला में पतंजलि को 52000 एकड़ जमीन दी गई। हालाँकि इसमें कितनी छूट दी गई और कितना पैसा चुकाया गया, इसका आंकड़ा उपलब्ध नहीं है।

नोएडा, सेक्टर 24A – (गैर-बीजेपी शासित)

यहाँ पतंजलि को नवम्बर 2016 में 300 एकड़ जमीन दी गई। इस जमीन पर 25 प्रतिशत का डिस्काउंट दिया गया।

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button