बिचौलिया आप का पदाधिकारी, मुझे फंसाया गयाः आसिम खान

asim-khanतहलका एक्सप्रेस

नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त किए गए दिल्ली सरकार के मंत्री आसिम अहमद खान ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी सफाई पेश की और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर ही सवाल उठाए। आसिम ने कहा कि उनके खिलाफ साजिश रची गई है और किसी दूसरे शख्स को बचाने के लिए उन्हें फंसाया गया है।

उन्होंने कहा कि ऑडियो टेप में जिस शख्स को बिचौलिया कहकर पेश किया जा रहा है, वह दरअसल आम आदमी पार्टी के ही एक पदाधिकारी शकील मलिक हैं। आसिम ने कहा कि इस्तीफा लिखवाने के बाद पार्टी के बड़े नेताओं ने ढाई घंटे तक उनके खिलाफ साजिश रची।

आसिम का कहना था कि उन्होंने न तो किसी से कोई रकम नहीं मांगी और न ही ली। आसिम का दावा है कि जिस इमारत के बारे में उनपर पैसे लेने का आरोप लगाया गया, उसके मालिक का नाम जावेद है और वह भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद हैं।

आसिम ने कहा कि उन्हें हटाने की प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के दौरान उन्हें ढाई घंटे तक आप नेताओं के साथ एक मीटिंग में बिजी रखा गया। उन्होंने कहा कि वह एक-दो दिनों में बड़ा खुलासा करेंगे। वहीं आसिम की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस पर ‘आप’ नेता दिलीप पांडे ने कहा कि उन्होंने सारे प्रमाण सीबीआई को सौंप दिए हैं, अब वही मामले को देखेगी।

ढाई घंटे तक मीटिंग में रखा बिजी
हालांकि, आसिम ने अपने साथ हुए कथित षडयंत्र में शामिल लोगों का नाम नहीं लिया और कहा कि एक-दो दिनों बाद इस बारे में पूरे सबूत जुटाकर फिर से प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। आसिम का कहना था कि उनसे दोपहर साढ़े तीन बजे इस्तीफा लिखवाया गया और कहा गया कि कुछ बात करनी है, इसके बाद शाम छह बजे तक उन्हें एक मीटिंग में व्यस्त रखा गया। शाम छह बजे बाद मीटिंग से बाहर आने पर उन्होंने अपना फोन ऑन किया तो उन्हें खुद को हटाए जाने के बारे में पता चला।

बिचौलिये का नाम क्यों नहीं लिया गया
आसिम ने सवाल उठाया कि उनपर जिस रेकॉर्डिंग के चलते ऐक्शन हुआ, उसमें शामिल दूसरे शख्स का नाम लोगों को क्यों नहीं बताया गया। आसिम के मुताबिक रेकॉर्डिंग में शामिल शख्स कोई आम आदमी, मीडियापर्सन या कोई बिल्डर नहीं था। वह आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी शकील मलिक थे। आसिम ने पूछा कि इतने बड़े पार्टी पदाधिकारी का नाम क्यों छुपाया गया। आसिम के मुताबिक अभी उन्होंने पूरी ऑडियो क्लिप सुनी नहीं है, पार्टी से मांगी है।

‘मैं अंदरूनी राजनीति का शिकार हुआ’
आसिम अहमद का कहना था कि वह पार्टी में अंदरूनी राजनीति और षडयंत्र के शिकार बनाए गए। आसिम ने आरोप लगाया कि उन्हें जान का खतरा भी है। उन्होंने कहा कि उनसे ढाई घंटे वाली मीटिंग में दूसरी ही बातें की जा रही थीं। आसिम का दावा था कि उनपर करप्शन का कोई भी चार्ज साबित नहीं हुआ और न ही ऐसा कोई पुराना चार्ज है। उन्होंने कहा कि उनकी जगह सरकार में जिन्हें जगह दी गई है, उनपर पहले से मुकदमे हैं। आसिम का यह भी कहना था कि उन्हें किसी चाल का मोहरा बनाया गया है, किसी और को बचाने के लिए उनकी कुर्बानी दी जा रही है। आप विधायक ने कहा कि उन्होंने अपने इलाके में एक जागरूकता कार्यक्रम किया था और अखबारों में इश्तेहार भी दिया था कि कोई बिल्डर से पैसे मांगे तो भ्रष्टाचार निरोधी हेल्पलाइन पर शिकायत की जाए।

 

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