बिहार में शराबबंदी से नेपाल में बहार, 50 फीसदी तक बढ़ी बिक्री

पटना। बिहार में शराबबंदी की वजह से नेपाल में शराब की डिमांड बढ़ गई है. नेपाल के शराब निर्माताओं के मुताबिक यहां की 95 शराब फैक्ट्रियां जमकर शराब का उत्पादन कर रही हैं. शराब निर्माताओं का कहना है कि मांग इतनी बढ़ गई है कि फैक्ट्रियां उसे पूरा नही कर पा रही हैं. यही वजह है कि जो फैक्ट्री पहले 12 घंटे चलती थी वो अब 24 घंटे चलानी पड़ रही है.

शराब बिक्री में 50 फीसदी तक का ग्रोथ

अनुमान के मुताबिक बिहार में शराबबंदी के बाद नेपाल में शराब बिक्री में 30 से 50 फीसदी तक का ग्रोथ हुआ है. इस बढ़े हुए ग्रोथ का फायदा नेपाल सरकार भी उठा रही है. इसलिए उसने पिछले महीने शराब पर 137.5 फीसदी टैक्स बढ़ा दिया क्योंकि उसे पता है कि शराब पर चाहे जितना टैक्स बढ़े, मांग में कमी नहीं होगी. अब तक नेपाल के कुल राजस्व का 40 फीसदी हिस्सा केवल शराब के कारोबार से आता रहा है. इसलिए निश्चित रूप से इसमें 50 से 60 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान है.

हालांकि शराब का उत्पादन करने वाली बारा डिस्टि‍लटरी प्राइवेट लि. कंपनी के सीईओ अजय प्रजापति कहते हैं कि पहले टैक्स कम था तो ज्यादा प्रोडक्शन होता था और निम्न स्तर का भी आदमी खरीद लेता था. लेकिन अब नेपाल सरकार ने टैक्‍स 137.5% बढ़ा दिया है. इस वजह से ब्रेक लगने जैसी स्थिति बन गई है. उन्‍होंने बताया कि पहले क्वार्टर 50 रुपये में बिकता था जो अभी 110 रुपये में बेचना पड़ेगा.अजय प्रजापति के मुताबिक शराब की इतनी मांग को देखते हुए पुरानी फैक्ट्रियों ने उत्पादन बढ़ा लिया है. यही नहीं, 15 से 20 नई फैक्ट्री भी स्थापित हुई हैं.

बीरगंज मदिरा महासंघ के अध्यक्ष रामाधार प्रसाद सर्राफ का कहना है कि पहले से शराब का सेल काफी बढ़ा हुआ है. बिहार के लोग यहां आकर पी रहे हैं और साथ में लेकर भी जाते हैं. उनका कहना है कि पहले शराब की दुकानें कम थीं लेकिन अब बेतहाशा दुकान हो गई हैं. सर्राफ के मुताबिक वह पहले अगर एक दिन में 10 हजार की शराब बेचते थे तो अब 17 हजार की शराब बेच लेते हैं. वह इसके लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का शुक्रिया भी अदा करते हैं.

आसानी से मिल जाता है लाइसेंस

नेपाल में शराब का लाइसेंस लेना बहुत ही आसान है. इसके लिए सिर्फ 6 हजार रुपये से लेकर 20 हजार तक खर्च करने पड़ते हैं. यानी आप जैसा दुकान खोलेंगे वैसी कीमत देनी होगी. बिहार के भी कई लोगों ने अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर यहां शराब का कारोबार कर रहें हैं. अगर बिहार बॉर्डर का दौरा करें तो पता चलता है कि नेपाल के इलाके में बॉर्डर से चंद कदम की दूरी पर हजारों की संख्या में शराब की दुकाने हैं और ये सभी हाल ही में खोले गए हैं. हैरानी की बात ये है कि इनकी संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. धनुषा जिले से लेकर पर्सा जिले तक, हर जगह बॉर्डर पर शराब के साथ साथ मांसाहारी ढ़ाबे, झोपडि़यों में खुले हुए हैं.

नेपाल में भी शराबबंदी की तैयारी

नेपाल के प्रदेश संख्या 2 के गृह मंत्री ज्ञानेन्द्र यादव ने बताया कि नेपाल के प्रदेश संख्या -2 में शराबबंदी की तैयारी हो रही है. उन्‍होंने कहा कि अगले 6-7 महीने में इस प्रदेश में शराबबंदी लागू कर दी जाएगी. प्रदेश के गृह मंत्री ज्ञानेन्द्र यादव ने बिहार की तारीफ करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बहुत अच्छा काम किया है और हम भी उसी तरह इस प्रदेश में शराबबंदी कर रहें है. उन्‍होंने साथ ही यह भी कहा कि बिहार के लोग काफी संख्या में नेपाल आ रहे हैं. उनके शराब पीने से नेपाल का राजस्व तो बढ़ा है लेकिन इससे अपराध भी बढ रहें हैं. उन्होंने कहा कि हम कानून-व्‍यवस्‍था को ध्‍यान में रखकर बॉर्डर से शराब की दुकाने हटाकर 2 किलोमीटर बॉर्डर के अंदर लाने का नियम बना रहे हैं.

 

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