बिहार में सांप्रदायिक तनाव पैदा कर रहे लालू-नीतीशः धर्मेंद्र प्रधान

pradhanतहलका एक्सप्रेस

पटना। मौजूदा आरक्षण नीति की समीक्षा करने में कुछ गलत नहीं है। यह कहना है केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री और बिहार बीजेपी के पूर्व प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान का । प्रधान अभी पटना में जमे हुए हैं। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी के विश्वस्त रणनीतिकार के रूप में वह बिहार में चुनाव प्रचार पर नजर रख रहे हैं। अमन शर्मा से राज्य के चुनावी मुद्दों पर बातचीत में उन्होंने कहा कि अगर आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने आरक्षण नीति की समीक्षा की जरूरत बताई तो यह सही है।

आरक्षण नीति की समीक्षा में कुछ गलत नहीं

केंद्रीय मंत्री ने कहा, भागवतजी का पूरा बयान देखें। उन्होंने कहा था कि हमलोग आरक्षण का पूरा समर्थन करते हैं। क्रीमी लेयर के बारे में क्या पहली बार चर्चा उठी है? इसमें नया क्या है? अल्पसंख्यकों की स्थिति से जुड़ी सच्चर कमिटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि गुजरात, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में बीजेपी शासन के दौरान आरक्षण सबसे ज्यादा लागू किया गया, न कि वेस्ट बंगाल या कांग्रेस शासित राज्यों में। अगर कोई इस मुद्दे की समीक्षा की बात करता है तो इसमें गलत क्या है?’

भागवत के बयान की गलत व्याख्या कर रहे लालू-नीतीश

प्रधान ने लालू और नीतीश पर भागवत के बयान की गलत व्याख्या कर बिहार के वोटरों को बरगलाने का आरोप लगया। उन्होंने कहा, ‘इस बयान की यह व्याख्या क्यों नहीं हो सकती कि उचित लोगों को ही आरक्षण मिलना चाहिए। इसका यह अर्थ क्यों निकाला जा रहा है कि आरक्षण खत्म कर दिया जाएगा? लालू प्रसाद लोगों को डरा रहे हैं जबकि पीएम ने भी सब कुछ साफ कर दिया है।’

सांप्रदायिकता पर पार्टी और पीएम का रुख साफ
नीतीश कुमार और लालू प्रसाद ने दादरी की घटना का हवाला देकर कहा है कि बीजेपी की सरकार बनी तो बिहार में सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ेगा, इस सवाल पर प्रधान कहते हैं, ‘दरअसल, राज्य में सांप्रदायिक तनाव ये ही पैदा कर रहे हैं। लालू का बयान था कि गाय और बकरी में कोई अंतर नहीं है और हिंदू दोनों को खाते हैं।’ इस मुद्दे पर प्रधान ने पीएम और पार्टी का रुख भी दुहराया। उन्होंने कहा, ‘पीएम ने कह दिया है कि दादरी जैसी घटना ठीक बात नहीं है। अब उस घटना का हवाला बिहार में देकर किसे मेसेज दिया जा रहा है? पटना में 2013 की एक रैली में मोदी की हत्या की कोशिश की गई थी, लेकिन उस रैली में उन्होंने कहा था कि हिंदुओं और मुसलमानों को एक-दूसरे से नहीं, बल्कि गरीबी से लड़ना होगा।’

पॉलिटिकल करियर बचाने के लिए मिले लालू-नीतीश
महागठबंधन के सवाल पर बीजेपी नेता ने कहा कि महागठबंधन तो है ही नहीं। उस तथाकथित गठबंधन के नेता मुलायम सिंह यादव बाहर चले गए और उन्होंने बिहार में बीजेपी के जीतने का अनुमान जताया है। प्रधान ने कहा, ‘दरअसल, नीतीश और लालू ने अपना पॉलिटिकल करियर बचाने के लिए हाथ मिलाया है। उन्हें राज्य की कोई चिंता नहीं है। उनकी नकारात्मक राजनीति को बिहार खारिज कर देगा। 2013 में ईटी को दिए इंटरव्यू में नीतीश ने जब पीएम के रूप में नरेंद्र मोदी का विरोध किया था, तभी ब्रैंड नीतीश खत्म हो गया था।’

हम थे तो क्राइम कम हुआ, हटे तो बढ़ गया
क्या नीतीश के शासन में बिहार में अपराध का ग्राफ नीचे नहीं गिरा, इस सवाल पर प्रधान का कहना है कि वह नीतीश की वजह से नहीं हुआ बल्कि बीजेपी उनके साथ थी, अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाया जा सका। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘बिहार में अपराध इसलिए घटा क्योंकि नीतीश के साथ बीजेपी थी। पिछले 18 महीनों का हाल देख लीजिए। दस दिन पहले पटना में एक आईपीएस ऑफिसर को गोली मारी गई। 2005 का जनादेश जंगलराज के विरोध में था, न कि नीतीश के लिए था। तब तो उनकी पार्टी भी उन्हें स्वीकार करने को तैयार नहीं थी।’

 

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