बीजेपी की परीक्षा में फेल हो रहे हैं यूपी के सांसद और विधायक, नहीं दे पाए जवाब

लखनऊ। यूपी में इन दिनों बीजेपी नेताओं के जेनरल नॉलेज का टेस्ट हो रहा है. रिज़ल्ट जानेंगे तो आपको यक़ीन नहीं होगा. एक दो नेताओं को छोड़ कर सब फ़ेल हो गए. पीएम नरेन्द्र मोदी के सैनिक उनके नाम पर हो रही परीक्षा में फिसड्डी साबित हो रहे हैं.

सांसद, विधायक से लेकर पार्टी के ज़िला स्तर के नेताओं को जवाब नहीं सूझ रहा है. कुछ सांसदों को ये भी नहीं पता मोदी सरकार ने जनता के लिए क्या किया है? टेस्ट और उसके नतीजों की रिपोर्ट बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व को भी भेजी जायेगी.

बात 15 जुलाई की है, अयोध्या में बीजेपी नेताओं की बैठक बुलाई गई थी. इलाक़े के दोनों सांसद और सभी विधायक बुलाए गए थे. फ़ैज़ाबाद के एमपी लल्लू सिंह और अंबेडकरनगर के एमपी हरिओम पांडे तय समय पर पहुँच गए थे.

पार्टी के ज़िला स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर तक के पार्टी नेताओं को बुलाया गया था. अवध क्षेत्र के बीजेपी के संगठन मंत्री प्रद्युमन इस मीटिंग में ख़ास तौर से लखनऊ से आये थे. बैठक की शुरूआत में ही उन्होंने सबसे पूछा,” क्या किसी को पता है कि मोदी सरकार ने चार साल में कितनी योजनायें शुरू की है.”

पूरे हॉल में सन्नाटा छा गया. किसी को इसका जवाब पता नहीं था. सब एक दूसरे का मुँह देखने लगे. प्रद्युमन ने बताया ऐसी 130 योजनायें हैं. किसी को 25 का नाम पता हैं? एक विधायक ने हाथ उठा कर कहा हमें पता है लेकिन जब एमएलए साहेब ने योजनाओं के नाम गिनाने शुरू किया तो गिनती 9 से आगे नहीं बढ़ पाई.

बाक़ी विधायक चुपचाप बैठे रहे. सब को अपनी जगहँसाई का डर था. इसी बीच एक युवा कार्यकर्ता ने खड़े होकर दावा किया कि उसे मोदी सरकार में शुरू हुई 25 योजनाओं के नाम याद हैं. कहीं अपनी भी बारी न आ जाए, इस डर से फ़ैज़ाबाद के सांसद लल्लू सिंह ने बात घुमाने की कोशिश की.

उन्होंने कहा कई योजनायें ठीक से जनता तक नहीं पहुँच रही हैं. संगठन मंत्री प्रद्युमन बोले कि आप पहले योजनाओं की पूरी जानकारी तो ले लीजिए. बीजेपी के सामान्य ज्ञान के टेस्ट में सभी विधायक और सांसद फ़ेल हो गए.

लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में बीजेपी ने अपने सभी नेताओं का टेस्ट लेने का मन बनाया है. पार्टी जानना चाहती है कि इनके लोगों को मोदी सरकार के काम काज के बारे में कितना पता है. सरकारी योजनाओं के सहारे ही पार्टी की तैयारी वोटरों तक पहुँचने की है.

उज्जवला योजना से लेकर सौभाग्य योजना तक, बीजेपी इनका लाभ लेने वालों को ‘अपना’ बना लेना चाहती है लेकिन बीजेपी के नेताओं को तो इन योजनाओं के बारे में ही नहीं पता है. सांसदों और विधायकों का तो हाल सबसे बुरा है. अधिकतर को दस योजनाओं के नाम तक नहीं आते हैं. ऐसे सभी नेताओं की रिपोर्ट कार्ड तैयार हो रही है.

योगी सरकार ने मोदी राज में शुरू हुई योजनाओं के लाभार्थियों के वेरिफ़िकेशन के आदेश दिए हैं. सभी 75 जिलों के डीएम को अगस्त महीने के पहले हफ़्ते तक इसे पूरा करने को कहा गया है. इसके बाद इन सभी लोगों से बीजेपी के बूथ कार्यकर्ता मुलाक़ात करेंगे. उनसे अगले लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी का साथ देने की अपील की जायेगी.

 

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