बीफ मर्डर: 10 में से 7 आरोपी बीजेपी नेता के रिश्तेदार, बेटा शामिल

BJP05तहलका एक्सप्रेस

ग्रेटर नोएडा। बिसाहड़ा गांव में 29 सितंबर की रात को मुहम्मद इखलाक पर भीड़ द्वारा किए गए कातिलाना हमले के मामले में पुलिस ने जिन 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, उनमें से 7 जिला बीजेपी कार्यकर्ता संजय राणा के परिवार से हैं। इन आरोपियों में उनका बेटा विशाल भी शामिल है। सभी आरोपी बिसाहड़ा गांव के ही हैं। सभी की उम्र 18 से 24 साल के बीच है और इनमें से किसी के खिलाफ इससे पहले का कोई भी आपराधिक मामला नहीं है।

इस मामले में जिस होमगार्ड कॉन्स्टेबल विनय से पूछताछ की गई है वह भी संजय राणा का रिश्तेदार है। राणा ने इस बात की पुष्टि की कि उनके बेटे विशाल के अलावा आरोपी सौरभ, गौरव, संदीप, शिवम, सचिन और विवेक भी उनके ही परिवार से ताल्लुक रखते हैं। इन सातों के अलावा पुलिस द्वारा नामजद बाकी 3 आरोपी- रूपेंद्र, हरि ओम और श्री ओम संजय राणा के पड़ोसी हैं। सचिन और हरि ओम फिलहाल फरार हैं।

नोएडा के सर्किल अधिकारी अनुराग सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि दसों आरोपियों में 6 ऐसे हैं जिनका आपस में भाई का रिश्ता है। सौरभ और गौरव, विवेक और सचिन के अलावा श्री ओम और हरि ओम सगे भाई हैं। पुलिस ने रविवार को विशाल और शिवम को न्यायिक हिरासत में ले लिया। इनका नाम मृतक इखलाक की पत्नी द्वारा लिखवाई गई एफआईआर में भी शामिल था।

बिसाहड़ा गांव के प्रधान संजीव राणा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि सभी 10 आरोपी ठाकुर समुदाय से संबंध रखते हैं। ये सभी एक-दूसरे के आसपास ही रहते हैं। उन्होंने कहा कि इस घटना से वह काफी चौंक गए हैं क्योंकि गांव में इस तरह की यह पहली घटना है। हालांकि संजय राणा का दावा है कि चूंकि पुलिस के साथ उनकी बहस हुई थी, इसलिए उनके रिश्तेदारों का नाम एफआईआर में डाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस घटनास्थल पर देर से पहुंची थी और इस बात को लेकर उनकी पुलिस के साथ बहस हो गई थी। वहीं, शिवम के पिता मुकेश ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि उन्हें नहीं पता कि उनके बेटे और भतीजे को पुलिस ने क्यों गिरफ्तार किया है।

जिस कॉन्स्टेबल से पूछताछ की गई है उसके पिता ओम महेश ने पुष्टि की कि संजय राणा उनके करीबी रिश्तेदार हैं, लेकिन उन्होंने इस बात से इनकार किया कि उनका बेटा विनय किसी भी तरह से घटना में शामिल था। उन्होंने कहा कि 29 सितंबर की रात को जिस समय वारदात हुई उस समय विनय घर पर था। ओम महेश ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘हमें जब वारदात का पता चला तो हम फौरन घटनास्थल पर पहुंचे। हम दोनों ने इखलाक को कार के अंदर रखने में पुलिस की मदद की ताकि उसे अस्पताल ले जाया जा सके।’

ओम महेश का यह भी दावा है कि पुलिस को इस बात की जानकारी नहीं थी कि विनय होमगार्ड में कॉन्स्टेबल के तौर पर काम करता है। उन्होंने कहा, ‘मैंने पुलिस वालों को बताया कि विनय पीसीआर ड्यूटी पर था। पुलिस यह जानकर चौंक गई कि मेरा बेटा होमगार्ड है।’
ओम महेश ने बताया कि गांव के कई युवा पुलिस द्वारा इस वारदात के सिलसिले में उठा लिए जाने के डर से गांव छोड़कर चले गए हैं। उनका छोटा बेटा भी गांव छोड़कर चला गया है। उन्होंने बताया, ‘जब उसने मुझे फोन कर यह बताया कि वह जा रहा है तो मैं उसे रोक नहीं सका। हमारे पास दूसरा रास्ता क्या है?’ संजय राणा के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, ‘वह बीजेपी नेता तो नहीं थे, लेकिन लंबे समय से वह बीजेपी के समर्थक रहे हैं।’

 

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