भगवामय हुआ हज हाउस, ‘लाल’ हुए उलेमा

लखनऊ । उत्‍तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बने हज हाउस पर भगवा रंग चढ़ाया जा रहा है। यूपी में इस वक्‍त योगी आदित्‍यनाथ की सरकार है। ऐसे में हज हाउस को भगवा रंग में रंगने का अब विरोध शुरु हो गया है। विपक्ष और उलेमाओं को भगवा रंग रास नहीं आ रहा है। वो योगी आदित्‍यनाथ की सरकार पर लाल-पीले हो रहे हैं। जबकि यूपी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा का कहना है कि इस मामले में बेवजह की राजनीति की जा रही है। जिसकी कोई जरुरत नहीं है। उन्‍होंने कहा कि भगवा रंग ऊर्जा और चमक पैदा करता है। जिससे हज हाउस और भी खूबसूरत हो गया है। उनका कहना है कि विपक्ष के पास इन दिनों कोई मुद्दा नहीं है इसलिए वो इस तरह के फालतू मुद्दों पर राजनीति करने में जुटे हैं। पहले हज हाउस की दिवार पर सफेद रंग और हल्‍के हरे रंग का पेंट था। लेकिन, अब इसका कायाकल्‍प किया जा रहा है। जो मुस्लिम नेताओं के साथ-साथ विपक्ष को भी पसंद नहीं आ रहा है।

योगी आदित्‍यनाथ की अगुवाई वाली यूपी सरकार में इससे पहले स्‍कूलों और बसों पर भी भगवा रंग चढ़ाया जा चुका है। उस वक्‍त भी विपक्ष ने इसका विरोध किया था। अब राजनीति इसलिए और भी ज्‍यादा गरमा रही है क्‍योंकि हज हाउस की दीवार पर ही गेरुआ रंग चढ़ाया जा रहा है। विपक्ष के साथ-साथ उलेमा भी सरकार की इस कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं। उलेमाओं का कहना है कि योगी आदित्‍यनाथ की सरकार प्रदेश में मजहबी जज्‍बातों को कुरेदने की कोशिश की कर रही है। ये ठीक नहीं है। वैसे कुछ लोगों का कहना है कि भगवा रंग योगी आदित्‍यनाथ का पसंदीदा रंग है। इसी वजह से सरकारी इमारतों को इस रंग से रंगा जा रहा है। स्‍कूल और बसों के अलावा अब तो थानों में भी भगवा रंग चढ़ाया जा रहा है। उत्‍तर प्रदेश के कई थाने भगवा रंग में रंग चुके हैं। कई और इमारतों पर भगवा रंग चढ़ाया जा रहा है।

अभी हाल ही में भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश के नगर निकाय चुनाव में भी अपनी जीत दर्ज की थी। इस जीत के बाद बीजेपी नेताओं नगर पालिकाओं की बिल्डिंगों पर भी गेरुआ रंग करवाना शुरु कर दिया है। देवरिया के लार नगर पंचायत भवन की इमारत को भगवा किया गया है। इसके अलावा प्रदेश में कई ऐसे उदाहरण हैं जहां कि बिल्डिंगों को भगवा रंग में रंगा जा चुका है। लेकिन, सबसे ज्‍यादा विवाद हज हाउस को लेकर हो रहा है। हालांकि प्रदेश में मंत्री मोहसिन रजा ने अपनी ओर से इसका जवाब देने की कोशिश की है। लेकिन, विपक्ष और उलेमा उनके जवाब से संतुष्‍ट नहीं हैं। विपक्ष और उलेमा प्रदेश सरकार पर सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने का आरोप लगा रहे हैं। हालांकि प्रदेश में ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। प्रदेश में जिस पार्टी की सरकार रहती है वो अपनी ताकत का इस्‍तेमाल कर सरकारी इमारतों को अपने रंग में रंगने की कोशिश करती रही हैं।

चाहें वो मायावती की बहुजन समाज पार्टी हो या फिर मुलायम सिंह यादव को समाजवादी पार्टी। जब प्रदेश में मायावती की सरकार हुआ करती थी उस वक्‍त सरकारी इमारतों पर नीला रंग चढ़ाया जाता था। जबकि मुलायम सिंह और अखिलेश यादव के राज में लाल और हरे के कॉबिनेशन से पुताई होती थी। अब योगी राज में प्रदेश भगवामय हो रहा है। जो दल अपने राज में ये सारे काम करती थीं आज उन्‍हें योगी आदित्‍यनाथ का वहीं काम नहीं पसंद आ रहा है। दरअसल, ये पूरा ही वोट बैंक की राजनीति का है। जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रिपल तलाक और उसके बाद हज यात्रा में अकेली मुस्लिम महिला को भेजने का फैसला लिया है सभी दलों की त्‍यौरियां चढ़ गई हैं। विपक्ष को डर है कि कहीं मुस्लिम वोट मुस्लिम महिलाओं और पु‍रुषों में बंट ना जाए। जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलेगा। शायद यही वजह है कि उन्‍हें अब हज हाउस पर भगवा सियासत पसंद नहीं आ रही है।

 

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