भाँड़ में जाएँ ब्राह्मण: मराठी पत्रकार निखिल वागले की घृणित जातिवादी सोच आई बाहर

मुंबई। महाराष्ट्र के पत्रकार निखिल वागले ने सोशल मीडिया पर घृणा फैलाई है। विवादास्पद बयानों के लिए कुख्यात निखिल वागले ने ट्विटर पर ब्राह्मणों को भला-बुरा कहा। उन्होंने महाराष्ट्र के केयरटेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की जाति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के ब्राह्मण देवेंद्र फडणवीस की सरकार जाने से ख़ुश नहीं है। वागले ने लिखा कि महाराष्ट्र के ब्राह्मण ऐसा सोचते थे कि फडणवीस की सरकार उनकी अपनी ही सरकार है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली भावी सरकार से ग्रामीण और दलित काफ़ी ख़ुश हैं।

निखिल वागले ने इसे स्पष्ट ध्रुवीकरण करार दिया। इसके बाद ब्राह्मणों पर विवादित चिप्प्णी करते हुए उन्होंने लिखा- “भाँड़ में जाएँ ये 3% ब्राह्मण।” वागले मराठी पत्रकार हैं और आईबीएन लोकमत के महानगर एडिटर रह चुके हैं। आज जातिवाद कर रहे निखिल वागले ने 2012 में जातिवाद हटाने की बात की थी। उस वक़्त उन्होंने लिखा था कि जाति, पंथ और मजहब की राजनीति से हट कर जनता को अब विकास की राजनीति की ज़रूरत है। उन्होंने लिखा था कि वो 1985, 92 और 2002 के दंगों को फिर से होता हुआ नहीं देखना चाहते।

यह भी अजीब है कि निखिल वागले जिस शिवसेना की आज प्रशंसा कर रहे हैं, उससे कभी उन्हें ख़ासी चिढ़ थी। शिवसैनिकों ने उनके स्टूडियो में घुस कर उनकी पिटाई की थी। शिवसेना कार्यकर्ताओं ने निखिल वागले के चेहरे पर स्याही पोत दी थी। उस पिटाई के बाद वागले अक्सर शिवसेना की आलोचना करते मिलते थे। अब जब शिवसेना ने भाजपा को धोखा देकर कॉन्ग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाने का निर्णय लिया है, वागले उद्धव की तारीफ़ करते नहीं तक रहे।

nikhil wagle

@waglenikhil

It is said Brahmins of Maharashtra are unhappy with Fadnavis’ exit. They thought it was their government. But Bahujans and rural masses are very happy to have this new anti-BJP government led by Uddhav http://Thackeray.It  is a clear polarisation. Who cares for 3 % Brahmins!

3,740 people are talking about this

निखिल वागले की पिटाई के बाद शिवसेना के तत्कालीन अध्यक्ष बाल ठाकरे ने इसे मीडिया पर हमला मानने से इनकार कर दिया था। ठाकरे ने पूछा था कि अगर किसी पत्रकार की बीवी अपने पति को मारती है तो क्या उसे मीडिया पर हमला माना जाएगा?’ उन्होंने कहा था कि ये बस एक पत्रकार की पिटाई है, मीडिया की नहीं। बाल ठाकरे ने कहा था कि वागले ने राजीव गाँधी की मृत्यु के बाद सोनिया गाँधी के चरित्र पर सवाल उठाए थे, तब कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके ख़िलाफ़ पुलिस में मामला दर्ज कराया था। इसके बाद वागले ने माफी माँगी थी। बालासाहब ने कहा था कि इसी तरह शिवसैनिक भी अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाए और वागले की पिटाई कर दी। ठाकरे ने कहा था कि इसमें कुछ भी ग़लत नहीं है।

INFERNO 2.0@TheAngryLord

Politics of development is only for preaching, but when your favorite alliance wins, you’d strip and dance naked on streets as if you don’t care. https://twitter.com/waglenikhil/status/1199614588473376769 

View image on TwitterView image on Twitter
nikhil wagle

@waglenikhil

It is said Brahmins of Maharashtra are unhappy with Fadnavis’ exit. They thought it was their government. But Bahujans and rural masses are very happy to have this new anti-BJP government led by Uddhav http://Thackeray.It is a clear polarisation. Who cares for 3 % Brahmins!

342 people are talking about this
तब बाल ठाकरे ने कहा था कि एनसीपी और कॉन्ग्रेस भी पूर्व में पत्रकारों पर हमले करती आई है, इसमें कुछ भी नया नहीं है। हाल के दिनों में निखिल वागले ने शिवसेना की तारीफ़ में कई ट्वीट किए हैं। शिवसेना नेताओं और उनके बीच बधाइयों का आदान-प्रदान भी हो रहा है। उन्होंने टेलीग्राफ के उस हैडलाइन का भी समर्थन किया है, जिसमें कहा गया है कि चाणक्य एक ही थे। इस ख़बर में अमित शाह पर तंज कसा गया है।
 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button