भारत ने बैन किया तो उठाना होगा नुकसान: चीन मीडिया

China-mediaपेइचिंग। चीनी कंपनियों पर सुरक्षा प्रतिबंध कड़े करने के संबंध में भारत के विचार करने संबंधी खबरों के बीच, चीन के आधिकारिक मीडिया ने बुधवार को कहा कि इस तरह के कदम से भारत को अधिक नुकसान होगा। सरकार संचालित ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख में कहा गया, ‘यदि भारत चीनी कंपनियों पर सुरक्षा प्रतिबंध कड़े करता है, यदि वह चीनी कंपनियों को दी गई सुरक्षा मंजूरी को खत्म करता है तो इससे भारत को अधिक नुकसान होगा।’

यह लेख भारत में आधिकारिक सूत्रों द्वारा यह कहे जाने के बाद आया है कि पठानकोट एयर फोर्स स्टेशन पर आतंकी हमले के मद्देनजर यूएन में भारत के प्रयासों में चीन द्वारा रोड़ा लगाए जाने के बाद सुरक्षा प्रतिष्ठान का मत है कि चीनी कंपनियों को दी गई सुरक्षा मंजूरी की समीक्षा की जानी चाहिए। शंघाई अकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज में इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनैशनल रिलेशंस से जुड़े रिसर्च सदस्य हू झियोंग ने कहा, ‘चीनी कंपनियां संभावित सुरक्षा मंजूरी समीक्षा के चलते भारत में अपनी विस्तार योजनाओं के बारे में दो बार सोच सकती हैं। इस तरह, भारत का विकास, जो इसके आधारभूत ढांचे में सुधार के लिए चीन पर निर्भर है, बाधित होगा।’

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 2014 में अपनी भारत यात्रा के दौरान अगले पांच सालों में भारत में 20 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की थी, लेकिन भारतीय अधिकारियों और कारोबारी संगठनों का कहना है कि भारत द्वारा चीनी कंपनियों के लिए वीजा नियमों में ढील दिए जाने और सुरक्षा प्रतिबंध हटाए जाने के बावजूद चीनी निवेश का प्रवाह कम है। भारत में चीनी दूतावास के एक अधिकारी ने ग्लोबल टाइम्स से बातचीत में इस बात को माना कि हाल के वर्षों में खासकर 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद और पिछले साल नवंबर में गृह मंत्री राजनाथ सिंह की चीन यात्रा के बाद चीनी कंपनियों के लिए भारत की सुरक्षा मंजूरी में ढील के संकेत दिखे हैं।

अधिकारी ने कहा, ‘हालांकि भारत ने चीनी कंपनियों की एक सुरक्षा समीक्षा की, फिर भी भारत में मौजूद चीनी कंपनियों का कहना है कि आम कारोबारी माहौल सुधर रहा है और चीनी कंपनियों का फीडबैक सकारात्मक है।’ मीडिया में आई खबरों में कहा गया है कि भारत सरकार ने पिछले दो साल में लगभग 25 चीनी कंपनियों को परियोजनाओं के लिए सुरक्षा मंजूरी दी है। इनमें से ज्यादातर को बिजली, दूरसंचार, रेलवे और आधारभूत ढांचा क्षेत्रों में मंजूरी दी गई है।

लेकिन साथ ही नियमों में ढील दिए जाने के मुद्दे पर भारत में पुनर्विचार किया जाना प्रतीत होता है, खासकर चीन के उस कदम के बाद जिसमें उसने पाकिस्तान के आतंकवादी समूहों को संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंधित कराने के भारत के प्रयासों में अड़ंगा लगा दिया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य चीन ने वैश्विक आतंकी नेटवर्कों पर शिकंजा कसने के लिए प्रस्ताव 1267 के तहत गठित प्रतिबंध समिति में भारत के कदम पर तकनीकी रोक लगा दी।

भारत प्रतिबंध समिति के जरिए पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर शिकंजा कसना चाहता था, लेकिन चीन की तकनीकी रोक की वजह से यह संभव नहीं हो पाया।

 

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