भारत में मिलने वाली इस दवा का चीन में हो रहा ट्रायल, दिखी COVID-19 से लड़ने की क्षमता

नई दिल्ली। कोरोना (Coronavirus) के समय लॉकडाउन में अगर किसी को हर साल होने वाला नॉर्मल फ्लू भी हो जाए ,खांसी-छींक लगातार आए तो मन दहशत में आ जाती है कि कहीं कोरोना तो नहीं हो गया. वहीं कुछ लोगों को सर्दी खांसी या वायरल भी जल्दी नहीं होता, किसी को तुरंत हो जाता है. यूं तो कोरोना फैमिली के रोग हमें पहले से होते आ रहे हैं, हम ठीक भी होते रहे पर ये लेटेस्ट वाला उसी फैमिली का अब तक का सबसे जिद्दी रोग है.

जिनको जिद्दी कोरोना “Covid-19” अपनी चपेट में ले भी रहा है उसमें ज्यादातर लोगों के शरीर में रोगों से लड़ने की ताकत या यूं कहें एंटीबॉडीज़ ऐसी हैं कि वो कोरोना को भी मात दे रही हैं , इसलिए बचने वालों की संख्या ज्यादा है, मरने वालों की संख्या कम है.

आखिर वो लोग जिनका शरीर रोगों से लड़ रहा है, उनमें ये शक्ति आ कहां से रही है? जब आप किसी भी डॉक्टर या वैद्य से ये पूछेंगे तो वो कहेंगे कि अपनी Immunity बढ़ाओ.

सवाल तो ये है कि इम्युनिटी कैसे बढ़ाएं. दिल्ली में NDMC के आयुर्वेदिक अस्पताल के चीफ मेडिकल ऑफिसर रहे नाड़ी विशेषज्ञ डॉ डीएम त्रिपाठी का कहना है कि आप सुबह-सुबह कलौंजी ( वैज्ञानिक नाम- Nigella Sativa)का एक चम्मच चूर्ण गर्म पानी से लीजिए. इस बहस में मत पड़िए कि कलौंजी के संबंध हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) से है कि नहीं पर ये तो तय है कि कलौंजी में Thymoqunone होता है जो फीवर, इंफ्लुएंजा, डाइबिटीज, स्किन डिसीज, ब्रोंकाइटिस से निपटने में बड़ा काम आ सकता है.

इसके अलावा शिलाजीत की सही मात्रा का सेवन करें ये सेंट्रल नरवस सिस्टम को मजबूत रखने में बड़ा योगदान करता है. छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक अलग-अलग मात्रा में इसे खा सकते हैं. दूध के साथ इसे लिया जाता है. शिलाजीत की मार्केटिंग करने वालों ने इसके इस्तेमाल को लिमिटेड रोगों के लिए ही प्रचार किया जबकि ये इम्युनिटी बढ़ाने वाली चमत्कारी औषधियों में से एक है. इससे शरीर आंतरिक ताकत खुद ही पैदा करेगा.

वहीं बादाम का तेल या गाय का देसी घी या सरसो का तेल उंगली में लेकर नहाने के बाद नाक में अंदर लगाएं और एक दो बार जोर से सांस ऊपर खींचें इसे नस्य क्रिया कहते हैं. इससे श्वसन तंत्र ठीक रहेगा और कोई वायरस बैक्टीरिया का कण नाक के छिद्रों में फंस भी जाएगा तो अंदर नहीं जाएगा. इसके अलावा योगासन,अनुलोम विलोम करना,सोने-खाने समेत दिनचर्या सही रखना बहुत फायदेमंद रहेगा.

CSIR (Council of Scientific & Industrial Research) के लखनऊ स्थित Central Institute of Medicinal and Aromatic Plants के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ करुणा शंकर कहते हैं कि भारत में हरा चिरायता जिसे कालमेघ कहते हैं (वैज्ञानिक नाम Andrograohic Paniculata) खूब पाया जाता है, ये कोरोना से लड़ने के लिये तुरुप का इक्का साबित हो सकती है. इसमें Andrographoide होता है, जिसका प्रयोग भारत की मान्यता प्राप्त आयुर्वेदिक औषधियों के 26 से ज्यादा फॉर्मुलेशन में होता है. जैसे कि चंद्रप्रभा वटी, मानस मित्र वटी, निंबाडी क्वाथ, महातिक्तता घृत में भी इसका इस्तेमाल होता है. CSIR-CMAP ने भी कालमेघ की खूबी देखते हुए इसकी CIM- MEGHA नाम प्रजाति निकाली है. यहां तक कि आयुष मंत्रालय इसकी API (Active Pharmaceutical Ingredient) स्टडी कर चुका है.

डॉ करुणा शंकर आगे बताते हैं कि चाइना में कालमेघ के Andrographoide बेस के साथ Covide-19 से लड़ने की दवाई बनाने पर क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है, वहां इस साल में ही इस औषधि से बनी दवा पर पिछले 3 महीने में 583 स्टडी रजिस्टर्ड हो चुकी है. कालमेघ से बनी दवा का नाम चाइना ने “Xianping” रखा है. इसमें एंटी वायरल, एंटी इन्फलेमेटरी,एंटी फीवर, एंटी थ्रोट इन्फेक्शन गुण हैं.

मेडिसिनल प्लांट एक्सपर्ट दिल्ली के डॉ सुनीश बक्शी भी कालमेघ को गेम चेंजर मानते हैं. वो कहते हैं अगर किसी को इम्युनिटी बढ़ानी हो तो अपने वैद्य या डॉक्टर से कंसल्ट करके कालमेघ की उचित मात्रा रोजाना के सेवन में शामिल की जा सकती है. हालांकि वो गिलोय (वैज्ञानिक नाम Tinospora Cordifolia) भी लेने की सलाह देते हैं. इसे गुडुची या अमृता भी कहा जाता है. गिलोय के प्रयोग को हमने डेंगू से निपटने में काफी अच्छे रिजल्ट देते हुए देखा है.

Functional And Metabolic Medicine Specialist डॉ कल्पना शेखावत कहती हैं कि विटामिन-डी और विटामिन-सी की उचित मात्रा लेते रहें, चाइना वाले तो कोरोना के इलाज में भी विटामिन-सी का प्रयोग कर रहे हैं. खाने में सब्जियां, ड्राइफ्रूटस, लहसुन,अदरक शामिल करें. हफ्ते में कम-से-कम एक बार तो उपवास करें,और पानी पीते रहें, गैस्ट्रिक खाना न खाना जरुरी है.

फरीदाबाद हरियाणा की साइंटिस्ट डॉ मंजीत कौर‌ शर्मा कहती हैं कि नाक से भाप लेते रहने से बहुत फायदा होगा, बेसिल ऑयल और दूसरे एरोमेटिक ऑयल जैसे टरपीन ऑयल नाक के छिद्रों में सांस के जरिए जाए तो ये कोरोना के वायरस का प्रकोप कमजोर किया जा सकता है.

इन सब बातों का ध्यान रखने पर अगर धोखे से कोरोना आ भी जाएगा तो आपके शरीर को उससे लड़ने में बहुत मदद मिलेगी.

 

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