भारी बारिश और तेज हवाओं के साथ चेन्नै पहुंचा तूफान वरदा, अबतक 2 लोगों की मौत
चेन्नै। बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव वाले क्षेत्र के कारण बना चक्रवाती तूफान वरदा चेन्नै पहुंच चुका है। अब चेन्नै शहर में भी इस तूफान से नुकसान की आशंका जताई जा रही है। तमिलनाडु में अबतक 2 लोगों की मौत हो चुकी है। सेना को किसी भी हालात के लिए तैयार है। तूफान के कारण सोमवार सुबह से ही मूसलाधार बारिश हो रही है और तेज हवाएं चल रही हैं। कई इलाकों में हवा की गति 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई है।
तूफान के कारण तमिलनाडु में दो लोगों के मरने की खबर है। तेज हवा के कारण कई जगहों पर पेड़ उखड़ गए हैं। तमिलनाडु सरकार ने लोगों को शाम 4 बजे तक घर से ना निकलने की सलाह दी है। NDRF ने बताया कि आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए उनकी 19 टीमें तैनात की गई हैं।
Severe cyclonic storm #Vardah makes landfall in Chennai, says IMD. Cyclone ‘eye’ now over the city.
— Press Trust of India (@PTI_News) December 12, 2016
भारतीय मौसम विभाग (IMD) मुताबिक यह तूफान अब पश्चिम की ओर आगे बढ़ते हुए आंध्र प्रदेश के दक्षिण तटीय इलाकों में पहुंचेगा। इसके बाद इसकी रफ्तार कम होती जाएगी और यह कमजोर होता जाएगा। तूफान के कारण लोगों को होने वाली असुविधाओं को देखते हुए तमिलनाडु सरकार ने अम्मा कैंटीन्स को दिनभर खोलने का फैसला किया है। यहां सभी लोगों को मुफ्त खाना उपलब्ध कराया जाएगा। तूफान प्रभावित क्षेत्रों में एहतियातन बिजली आपूर्ति काट दी गई है। लोगों को पेड़ों और बिजली के खंभों के पास न खड़े होने की सलाह दी गई है। केंद्रीय विज्ञान और तकनीक मंत्री हर्षवर्धन ने भी वरदा को लेकर सरकारी तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने बताया, ‘भारत सरकार, प्रदेश सरकार और संबंधित एजेंसियां सभी हाई अलर्ट पर हैं। हम सभी को सावधान रहकर यह सुनिश्चित करना होगा कि अगले 24 से 36 घंटों तक हम सतर्क बने रहेंगे।’
#WATCH: Heavy rains & strong winds hit the city of Chennai. Visuals from Chennai Airport #cyclonevardah pic.twitter.com/nryn4rb1xJ
— ANI (@ANI_news) December 12, 2016
सरकार की ओर से इन्नौर और पालावेरकाडू में रहने वाले लोगों को इलाका खाली करने को कहा गया है। सरकार ने अबतक 7,357 लोगों को सुरक्षित 54 राहत शिविरों में पहुंचाया है। उधर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने टेलिकॉन्फ्रेंसिग के द्वारा संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ आपातकालीन बैठक कर राहत तैयारियों का जायजा लिया। सरकार की तैयारियों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, ‘दवा, खाद्य व अन्य जरूरी सामग्रियां पर्याप्त मात्रा में तैयार रखी गई हैं। दक्षिणी आंध्र तट और इसके आसपास के तटीय क्षेत्रों के मछुवारों को सलाह है कि वे अगले 36 घंटे तक समुद्र में न जाएं।’ तूफान के कारण चेन्नै आने वाले विमानों का रुख एहतियातन बदल दिया गया है। विमानों का समय आगे बढ़ा दिया गया है। चेन्नै हवाईअड्डे पर सोमवार दोपहर 3 बजे तक सभी सेवाएं बंद कर दी गई हैं। मालूम हो कि वरदा (या वर्द) उर्दू भाषा का शब्द है, जिसका मतलब ‘गुलाब’ होता है। इस तूफान का नाम पाकिस्तान ने रखा है।
#WATCH: Trees uprooted, damage caused in parts of Chennai as heavy rains and strong winds lash the city #CycloneVardah pic.twitter.com/ZPQa0CqifU
— ANI (@ANI_news) December 12, 2016
इस तूफान के कारण तमिलनाडु में पिछले 10 दिनों से चेतावनी जारी थी। वरदा तूफान मूल रूप से दक्षिणी थाइलैंड में पैदा हुआ है। वरदा के कारण वहां एक दर्जन से भी अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इसके कारण एकाएक मौसम में हुए बदलाव के कारण अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में कई सैलानी फंस गए थे। इन पर्यटकों को नौसेना की मदद से सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया। वरदा 7 नवंबर से ही उत्तरी तमिलनाडु और दक्षिणी आंध्र प्रदेश तट की ओर बढ़ रहा था। इसकी रफ्तार शुरुआत में 4 किलोमीटर प्रति घंटे की थी, जोकि बाद में बढ़ती गई।
#Chennai #CycloneVardah Corporation Helpline Nos. pic.twitter.com/NejCvhVTGx
— NDMA India (@ndmaindia) December 11, 2016
मौसम विभाग की ओर से जारी चेतावनी में बताया गया है कि तूफानी हवाओं के कारण झोपड़ियों और बिजली व दूरसंचार तारों को विशेष नुकसान होगा। खेत में लगी फसलों के साथ ही केले और पपीते के बाग भी विशेष प्रभावित होंगे। तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के जो इलाके वरदा से प्रभावित होने वाले हैं, उनमें चेन्नै, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम, ओंगोले और नेल्लोर जिलों के अलावा पुदुचेरी भी शामिल है।
तूफान से होने वाले नुकसान को कम करने की पूरी कोशिश की जा रही है। राष्ट्रीय आपदा राहत प्राधिकरण (NDRF) की टीमें चेन्नै, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम, नेल्लोर, सुलुरेप्ता, परकाशम, चित्तूर और पुदुचेरी इलाकों में पहले से ही तैनात हैं। वरदा से निपटने के लिए तमिलनाडु में NDRF की 7 और आंध्र प्रदेश में 6 टीमें भेजी गई हैं। तमिलनाडु सरकार ने चेन्नै और इसके आसपास के इलाकों में स्थित निजी कंपनियों से अपील की है कि वे अपने कर्मचारियों को 2 दिन का अवकाश या फिर घर से ही काम करने की अनुमति दे दें। NDMA ने चेतावनी दी है कि तूफानी हवाओं की गति 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है। तमिलनाडु तट पर लैंडफॉल के समय इन हवाओं की रफ्तार 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो जाएगी। इस दौरान समुद्र की लहरें 1 मीटर ऊंची उठ सकती हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMCA) ने तमिलनाडु वरदा के लिए आपातकालीन नंबर भी जारी किया है। किसी भी इमरजेंसी या असुविधा की स्थिति में लोग इन नंबरों पर फोन कर जानकारी दे सकते हैं।
राष्ट्रीय आपदा राहत बल के डायरेक्टर जनरल आर केपचनंदा ने वरदा के मद्देनजर की गई तैयारियों के बारे में बताते हुए कहा, ‘हम पूरी स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं। हमारे राहत दल आंध्र प्रदेश में पहले से तैयार हैं। चेन्नै में हमारी 3 टीमें, एक टीम कांचीपुरम में और 2 दल तिरुवल्लुर में तैनात हैं। एक टीम पुदुच्चेरी के लिए भेजी जा चुकी है। अरक्कोनम में भी किसी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए हमारे पास पर्याप्त लोग हैं।’ उन्होंने कहा कि तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश सरकार के साथ भी पूरा तालमेल हैं और सभी संबंधित एजेंसियां साथ मिलकर आपसी सहयोग के साथ काम कर रही हैं।
‘वरदा’ से निपटने के लिए भारतीय वायु सेना को भी हाई अलर्ट कर दिया गया है। मछुआरों से अगले 48 घंटे तक समुद्र में नहीं जाने को कहा गया है। वरदा के चलते तमिलनाडु सरकार ने प्रभावित इलाकों में सोमवार को सार्वजनिक छुट्टी की घोषणा की है। इसके तहत स्कूल-कॉलेज और दफ्तर बंद रहेंगे। इस चक्रवाती तूफान के मद्देनजर रविवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम की अध्यक्षता में राज्य सरकार के अधिकारियों और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की मीटिंग हुई थी, जिसमें तूफान से पहले की तैयारियों का जायजा लिया गया था।
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