मजदूरों को लेकर स्वरा भास्कर और फिल्ममेकर की भिड़ंत, बात शादी और बच्चों तक पहुंची

बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर अकसर राजनीतिक और समसामायिक मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखने के लिये जानी जाती हैं, हालांकि इस वजह से सोशल मीडिया पर कई बार उन्हें विरोध भी झेलना पड़ता है, अब स्वरा ने मजदूरों की मदद के लिये एक ट्वीट किया है, जिस पर फिल्ममेकर अशोक पंडित ने उन्हें जवाब देते हुए लिखा है, आपने तो खुद कागज दिखाने से मना कर दिया था, अब दूसरों से मांग रही हैं, इसके बाद स्वरा और अशोक पंडित के बीच ट्विटर पर जंग शुरु हो गई।

स्वरा ने क्या लिखा

बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने ट्विटर पर लिखा, अगर आप दिल्ली या इसके आसपास स्थित श्रमिक हैं, आप ऐसे किसी श्रमिक को जानते हैं, जिन्हें यूपी या बिहार में अपने गांव वापस लौटना है, तो अपने नाम, मोबाइल नंबर, गंतव्य स्थान और अभी आप कहां हैं पूरा डिटेल इस फॉर्म में भरें, हमारे साथी आपकी मदद करेंगे, इस पर कमेंट करते हुए फिल्ममेकर अशोक पंडित ने लिखा, आपने तो खुद कागज दिखाने से मना कर दिया था, और अब दूसरों से मांग रही हैं, इतनी जल्दी कैसे कोई पलट सकता है। चलिये कोई बात नहीं, देर आये दुरुस्त आये।

बहुत डरावना है

अशोक पंडित के इस ट्वीट से स्वरा गुस्सा हो गई, उन्होने रिप्लाई करते हुए लिखा, अशोक अंकल आप लगातार मुझे साइबर स्टॉक क्यों करते हैं, बहुत डरावना है, आपकी उम्र में ये शोभा नहीं देता, अपनी थोड़ी इज्जत रखिए, मैं एनआरसी-एनपीआर के लिये कागज दिखाने के खिलाफ थी, ट्रेन टिकट के लिये नहीं।

स्वरा को कहा आंटी

इस पर अशोक पंडित ने भी जवाब देते हुए लिखा, स्वरा आंटी, किसी को अंकल कहने से आप छोटी नहीं हो जातीं, वैसे अर्बन नक्सलियों की ये आदत है कि उनके पास जब कोई जवाब नहीं होता, तो वो व्यक्तिगत अटैक शुरु कर देते हैं। इस स्वरा ने लिखा अंकल आपको अंकल इसलिये कह रही थी, क्योंकि आपकी बेटी के साथ काम किया था, मझे वो बहुत अच्छी मालूम हुई, अच्छा राब्ता था हमारा, आपकी बेटी की वजह से आपको इज्जत दी, लेकिन लगता है कि आप इज्जत के आदी नहीं, व्यक्तिगत हमला नहीं, आप लगातार मुझे टैग कर रहे हैं, ये फैक्ट है पर फैक्ट्स से तो आपको परहेज है।

अपनी-अपनी किस्मत है
इसके बाद अशोक पंडित ने लिखा आंटी जी, जब कोई इंसान सही समय पर शादी करता है, तो बच्चे बड़े हो जाते हैं, ये तो अपनी-अपनी किस्मत है, अब अगर किसी की शादी नहीं हो रही है, या वो नहीं कर रहा या रही हो, तो इसका मतलब ये थोड़ी है कि वो उम्र में छोटा या छोटी है, अच्छा तो मेरा पूरा परिवार है। इसके बाद अशोक पंडित ने एक और ट्वीट किया, जिसमें उन्होने लिखा कम्युनिस्टों की एक और खासियत है, जब उनके पास कोई तर्क नहीं होता है, तो वो दूसरों के परिवार को बीच में लाते हैं, जिनका उस बहस से कोई लेना-देना नहीं होता, लेकिन मैं आपकी निजी जिंदी को पब्लिकली कभी नहीं लाऊंगा।

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button