मतपत्रों से नहीं हुआ चुनाव तो EC के दरवाजे पर बैठ जाएंगे रामगोपाल यादव

लखनऊ। आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों का मजबूत गठबंधन बनाने की कोशिश में जुटी समाजवादी पार्टी (सपा) ने इन चुनावों में अन्य दलों से तालमेल और सीटों के बंटवारे के बारे में फैसला लेने के लिये आज पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को अधिकृत कर दिया. सपा के प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद ये जानकारी दी. साथ ही उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव को मतपत्रों से कराए जाने की बात कही.

रामगोपाल यादव ने कहा, 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में समझौते और सीटों के बंटवारे को लेकर सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को अधिकृत किया है. वह इस मामले में जो उचित समझेंगे, फैसला लेंगे.

उन्होंने बताया कि कार्यकारिणी बैठक में सभी सदस्यों का मानना था कि अगला लोकसभा चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के बजाय मतपत्रों से कराया जाए. जब उनसे पूछा गया कि अगर निर्वाचन आयोग मतपत्र से चुनाव कराने की मांग नहीं मानता है तो? इसपर रामगोपाल यादव ने कहा, ‘हम चुनाव आयोग के दरवाजे पर बैठ जाएंगे. न कोई अंदर जा सकेगा और न ही बाहर. गांधी जी की तरह देश में सत्याग्रह ही किया जा सकता है, जो हम करेंगे.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्तर प्रदेश के ताबड़तोड़ दौरों के बारे में रामगोपाल यादव ने कहा, ‘अभी तो उन्हें रोजाना ही यूपी का दौरा करना पड़ेगा. समय आने दीजिये. सम्भल लोकसभा सीट से अपने चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर यादव ने कहा,  ‘यह फैसला तो पार्टी ही करेगी. अगर वह कहेगी तो हम चुनाव जरूर लड़ेंगे.’

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आजम खान और शिवपाल यादव समेत कुछ वरिष्ठ नेताओं के शरीक न होने के बारे में पूछे जाने पर पार्टी महासचिव ने कहा, ‘कोई जरूरी है कि सब लोग मौजूद रहें? 90 प्रतिशत लोग तो मौजूद थे. पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव मौजूद थे.’

अगले लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों के गठबंधन की अगुआई कौन करेगा, इस सवाल पर यादव ने कहा कि दिल्ली में 17 पार्टियों की सरकार है तो क्या उनके सब नेता खत्म हो गए. केवल मोदी जी ही नेता रह गये हैं क्या? उन्होंने बताया कि पार्टी कार्यकारिणी बैठक में हाल ही में दिवंगत हुए मशहूर कवि गोपाल दास नीरज के निधन पर शोक व्यक्त करके उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी.

वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में उतरने से पहले ही सपा ने ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से चुनाव कराये जाने का पुराना घिसा-पिटा राग छेड़कर अपनी हार स्वीकार कर ली है. उन्होंने कहा कि सपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक का खुद परिवार और पार्टी के तमाम नेताओं ने बहिष्कार कर दिया. इसीलिए हताश और निराश सपा न सिर्फ किसी भी तरह के गठबंधन के लिए मजबूर दिख रही है, बल्कि अभी से चुनावी हार का ठीकरा ईवीएम मशीन पर फोड़ने की तैयारी में जुट गयी है.

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Back to top button