मध्य गुजरातः शहरी वोट BJP के पास, राहुल को अंबेडकर से आस

अहमदाबाद/नई दिल्ली। गुजरात की राजनीति में मध्य गुजरात की खास अहमियत है. अगर ये कहा जाए कि राज्य की सत्ता का सिंहासन मध्य गुजरात के जरिए तय होता है तो गलत नहीं होगा. यही वजह है कि बीजेपी ने इस साल होने वाले चुनाव के लिए अपना बिगुल मध्य गुजरात से फूंका था और अब कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सूबे की सियासी जंग को फतह करने के लिए मध्य गुजरात की जमीन पर उतरे हैं.

खास बात ये है कि बीजेपी जहां मध्य गुजरात के शहरी वोटरों के भरोसे हैं, वहीं राहुल इस इलाके की ग्रामीण आबादी खासकर दलितों-आदिवासियों को लुभाने में लगे हैं. यही वजह है कि राहुल कल यानी 10 अक्टूबर को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की संकल्प भूमि जा रहे हैं.

 मध्य गुजरात में 63 विधानसभा सीट

गुजरात की कुल 182 विधानसभा सीटों में से 63 सीटें मध्य गुजरात से आती हैं. पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो मध्य गुजरात में भी बीजेपी का डंका बजता रहा है. 2012 के विधानसभा चुनाव में मध्य गुजरात की 63 सीटों में से 40 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी, तो कांग्रेस ने 21, एनसीपी ने 1 और 1 सीट निर्दलीय ने जीती थी.

 बीजेपी का गढ़ अहमदाबाद-वडोदरा

मध्य गुजरात में अहमदाबाद, दाहोद, खेड़ा, आणंद, नर्मदा, पंचमहल, वडोदरा जिले आते हैं. इनमें से अहमदाबाद और वडोदरा बीजेपी का मजबूत गढ़ हैं. ये दोनों जिले शहरी क्षेत्र में हैं. पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजों की बात करें तो अहमदबाद की कुल 21 विधानसभा सीटों में से 17 बीजेपी ने जीतीं जबकि कांग्रेस को महज 4 सीटें मिलीं. वडोदरा की 13 सीटों में से बीजेपी ने 10 सीटों पर जीत दर्ज की तो कांग्रेस को 2 और 1 सीट अन्य के खाते में गई.

 

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