मयावती के बंगले पर अखिलेश को लगी ‘फटकार’

ak2तहलका एक्सप्रेस

लखनऊ। हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के बंगले के विस्तार के मामले में अखिलेश सरकार द्वारा दो साल में जवाब दाखिल न कर पाने पर कड़ी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने सम्पत्ति अधिकारी को 28 अक्टूबर को तलब कर उनसे पूछा है कि किन परिस्थितियों में जवाब दाखिल करने में इतनी देर हुई। यह आदेश जस्टिस एसएस चौहान व जस्टिस आरआर अवस्थी की बेंच ने स्थानीय वकील मोतीलाल यादव की ओर से दायर पीआईएल दिया।
कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए 31 मई 2013 को ही सरकारी वकील को मामले में सरकार से जरूरी निर्देश लेने को कहा था। कोर्ट ने जब बुधवार को सुनवाई शुरू की तो पाया कि अब तक सरकार की ओर से रेकॉर्ड पर कोई जवाब ही नहीं आया है।

याचिका में कहा गया था कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने शासन में गलत तरीके से 13 माल एवेन्यू के बगल के चार बंगलों को हथिया लिया। इनमें से एक राज्य गन्ना आयुक्त का दफ्तर भी था। प्राइवेट नेचर के इस काम के लिए सरकारी धन का उपयोग किया गया। याची के मुताबिक 2011 में मायावती के इस प्राइवेट बंगले के निर्माण पर सरकारी खजाने से करीब 86 करेाड़ रुपये खर्च किए गए थे। एक आरटीआई में इस बाद का खुलासा भी हुआ।

दिल्ली में भी मायावती ने अपने बंगले में अवैध निर्माण करा रखा है। इस पर केंद्र की ओर से जवाब देकर कहा गया कि जब बंगला खाली होगा तो अवैध निर्माण ढहा दिया जाएगा। याची ने इसकी सीबीआई जांच की भी मांग की है।

 

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