मराठा आंदोलन: 21 साल के छात्र ने की खदुकुशी, लिखा- BSC होने के बाद भी नौकरी नहीं मिली, मैं मराठा हूं

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मराठा आरक्षण आंदोलन में एक और की जान चली गई है. औरंगाबाद में एक कल एक मराठा छात्र ने खुदकुशी कर ली है. पुलिस के मुताबिक उमेश आत्माराम इंडाईत नाम के 21 साल के छात्र ने कल अपने घर में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली. उमेश ने सुसाइड लेटर में लिखा कि BSC होने के बाद भी नौकरी नहीं मिली, मैं मराठा हूं. कल जब उमेश का ये सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर आया तब सैंकड़ों की तादाद में लोगों ने औरंगाबाद के जालना रोड पर प्रदर्शन किया. पुतले फूंके गए और पत्थरबाजी की गई.

पुलिस के मुताबिक शहर में हालात शांतिपूर्ण है. दरअसल, मराठा संगठन अपने समुदाय के लिए नौकरी और शिक्षा में आरक्षण की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं और पिछले दो हफ्तों में युवकों की आत्महत्या के कम-से-कम छह मामले सामने आ चुके हैं.

सुसाइड करने वाला उमेश इंडाईत मराठा आरक्षण को लेकर हर एक्टिविटी में शामिल था. उसने अपने दोस्तों से इस बात की चर्चा भी की बीएससी होने के बावजूद मुझे नौकरी नहीं मिल रही लेकिन मराठा होने की वजह से मुझे कोई नौकरी नहीं दे रहा है. मेरे जैसे कम मार्क वाले बच्चों का सलेक्शन हो रहा है और मुझे अच्छे मार्स होने के बावजूद भी नौकरी नहीं मिल रही.

महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर कल मराठा समाज के लोगों के साथ मुलाकात भी की थी. सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें भरोसा दिलाने की कोशिश की कि आरक्षण को लेकर वो मराठा समाज की हर मांग मानने को तैयार हैं. सीएम की बैठक में मराठा समाज के हर क्षेत्र से जुड़े प्रतिष्ठित लोग शामिल थे. बैठक में कला, साहित्य, ब्यूरोक्रैटस और दूसरे क्षेत्र से 22 लोग शामिल हुए. इनका मानना था कि सरकार मराठा समाज को आरक्षण दिलाने के लिए सकारात्मक है.

वहीं मराठवाडा के पर्ली में मराठा समाज ने सरकार को 7 अगस्त तक का अल्टीमेटम दिया है. अगर सरकार तब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लेती है तो 9 अगस्त को बडा आंदोलन किया जाएगा. इससे पहले मराठा आंदोलनकारियों ने गुरुवार को मुंबई के आजाद मैदान में जेल भरो प्रदर्शन भी किया. आंदोलन के दौरान कई शहरों में हिंसा और आगजनी हुई जिसमें सैकड़ों लोगों की गिरफ्तारियों हुईं. मराठाओं का आरोप है कि पुलिस ने बेगुनाह लोगों को गिरफ्तार किया है. मराठा नेताओं का कहना है कि जबतक गिरफ्तार आंदोलनकारियों को रिहा नहीं किया जाता वो भी जेल में रहेंगे.

मराठा समाज की मुख्य मांगें क्या हैं?
महाराष्ट्र में मराठा आबादी 33 फीसदी यानी करीब 4 करोड़ है. मराठा समाज 16% आरक्षण की मांग कर रहा है. पिछड़ा वर्ग के तहत सरकारी नौकरी में आरक्षण की मांग की जा रही है. महाराष्ट्र में 72 हजार की मेगा भर्ती पर रोक की मांग हो रही है. शिक्षा के क्षेत्र में भी आरक्षण की मांग हो रही है. मराठा समाज दलित अत्याचार कानून के गलत इस्तेमाल रोकने की मांग भी कर रहा है.

दो साल से चल रहा है आंदोलन
आरक्षण के लिए मराठाओं का आंदोलन पिछले दो सालों से चल रहा है. इस आंदोलन का नेतृत्व मराठा क्रांति मोर्चा कर रहा है. पिछले दिनों औरंगाबाद में एक युवक की नदी में कूदकर जान देने के बाद आंदोलन हिंसक हो गया. मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, पुणे, औरंगाबाद, नासिक, परभणी समेत कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुए.

आंदोलन का कोई चेहरा नहीं
सीएम फडणवीस ने विशेष सत्र बुलाकर मराठा आरक्षण देने का एलान किया है. महाराष्ट्र के अहमदनगर के कोपर्डी में 2016 में मराठा समाज की नाबालिग से गैंगरेप के बाद इस आंदोलन ने नया मोड़ ले लिया, लाखों की तादाद में लोग सड़कों पर उतर आए. इस आंदोलन की सबसे खास बात ये है कि इसका कोई चेहरा नहीं है.

 

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