मसूद अजहर पर चीन की भारत को नसीहत, राजनीतिक फायदे के लिए बैन नहीं

masood-azhar10नई दिल्ली। एनएसजी में भारत की दावेदारी पर अड़ंगा लगाने के बाद अब चीन ने संयुक्त राष्ट्र में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को आतंकी घोषित कराने के अभियान को करारा झटका दिया है। चीन के उप विदेश मंत्री ली बाडोंग ने नसीहत देते हुए कहा कि वह राजनीतिक फायदे के लिए ऐसे किसी भी प्रयास का समर्थन नहीं करेगा।

चीन ने साफ कहा,’ काउंटर टेररेजम के नाम पर कोई देश राजनीतिक फायदा नहीं उठा सकता है।’ चीन के इस बयान के बाद आतंकी मसूद अजहर को 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में आतंकी घोषित कराने के भारत के प्रयास को करारा झटका लगा है। सुरक्षा परिषद के 14 सदस्य भारत के अभियान के साथ है लेकिन सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य ने इसपर वीटो का इस्तेमाल कर दिया था।

बाडोंग ने कहा,’ चीन हर प्रकार के आतंकवाद का विरोध करता है। लेकिन इसपर दोहरे मापदंड नहीं होने चाहिए। काउंटर टेररेज के नाम पर किसी को इसका राजनीतिक फायदा नहीं लेना चाहिए।’ पिछले सप्ताह चीन ने संयुक्त राष्ट्र में दूसरी बार भारत के रेजॉलूशन में बाधा डालने का काम किया। दरअसल, अगर मसूद को यूएन की काउंटर टेररेजम कमिटी अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर देती है तो यूएन के सदस्य देश के नाते पाकिस्तान को मसूद और उसके संगठन के खिलाफ प्रतिबंध लगाने समेत दूसरी कड़ी कार्रवाई करनी होगी। पाकिस्तान ऐसा कतई नहीं चाहता और चीन इसमें उसकी की मदद कर रहा है।
भारत ने चीन के इस कदम की कड़ी आलोचना की थी। भारत ने कहा कि चीन के इस कदम से खतरनाक संदेश जाएगा। भारत ने ‘अच्छे आतंकवादी’ और ‘बुरे आतंकवादी’ वाली थ्योरी के लिए पाकिस्तान की भी कड़ी निंदा की है। मसूद को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किए जाने की मांग पर पहली बार चीन ने 6 महीने पहले तकनीकी रोक लगाई थी। पठानकोट हमले में मसूद के शामिल होने की बात कहते हुए भारत ने फिर इस मांग को दोहराया था जिस पर चीन ने तकनीकी रोक लगा दी। यह तकनीकी रोक तीन महीने की होगी।

बाडोंग ने एनएसजी में भारत की सदस्यता के मुद्दे पर कहा कि इस मामले में एनएसजी के सभी 48 सदस्यों के बीच सहमति बननी जरूरी है। गौरतलब है कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के इस सप्ताह BRICS सम्मलेन के लिए भारत दौरे पर जाने वाले हैं। ये पूछने पर कि क्या इस सम्मेलन में राष्ट्रपति चिनफिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच एनएसजी के मुद्दे पर कोई बातचीत हो सकती है? बाडोंग ने कहा,’ चीन अकेले कोई नियम नहीं बदल सकता है। इस मसले पर भारत और चीन में अच्छी बातचीत हुई है और हम इसपर आगे भी ऐसा करने के लिए तैयार हैं। मुझे उम्मीद है कि भारत एनएसजी के अन्य सदस्य देशों से भी इस मसले पर बात करेगा।’

masood-newचीनी उप विदेश मंत्री ने आगे कहा,’ भारत के परमाणु व्यापार क्लब में शामिल होने के बारे में भी हमारा रुख साफ है कि हम सबकुछ प्रक्रिया के तहत चाहते हैं। हम चाहते हैं कि एनएसजी के कायदों के तहत ही इसपर बात हो।’ 15-16 अक्टूबर को भारत में होने वाले BRICS सम्मेलन में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका हिस्सा ले रहे हैं। गौरतलब है कि भारत ने बिना नाम लिए कहा था कि एनएसजी का एक देश भारत को उसका सदस्य बनने में अडंगा डाल रहा है। भारत और चीन ने इस मसले पर हाल के दिनों में कई बैठक की है।

 

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