महाराष्ट्र सरकार ने लगाया नया ‘सूखा टैक्स’

rainतहलका एक्सप्रेस

मुंबई। प्याज और दालों की महंगाई से पहले महाराष्ट्र की जनता की जेब और हल्की होने वाली है। राज्य सरकार ने कई चीजों पर ‘सूखा कर’ लगा दिया है। यह रकम सूखा-पीड़ित किसानों के राहत पर खर्च की जाएगी। इसके तहत सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दाम में 2 रुपये की बढ़ोतरी का फैसला किया है। इसका बोझ ट्रांसपोर्ट पर भी पड़ेगा, जिससे सभी तरह की वस्तुओं की कीमतें बढ़ना तय माना जा रहा है।

सरकार ने सोना, हीरा और गहनों पर भी टैक्स 1 पर्सेंट से बढ़ाकर 1.20 पर्सेंट कर दिया है। इसके अलावा शराब, सिगरेट और कोल्ड ड्रिंक के बिक्री कर में 5 पर्सेंट की बढ़ोतरी का फैसला किया है। इस कदम से सरकार को 1600 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। वित्त मंत्री मुनगंटीवार ने कहा है कि यह बढ़ोतरी केवल 5 महीने के लिए लागू की गई है।

पेट्रोल-डीजल पर LBT का फेर

सरकार ने 24 महानगरपालिका क्षेत्रों से 50 करोड़ रुपये से कम कारोबार करने वालों को एलबीटी से मुक्त कर दिया था। मगर पेट्रोल और डीजल पर एलबीटी जारी रहा। पेट्रोल-डीजल असोसिएशन ने सरकार के सामने प्रस्ताव रखा कि उन्हें भी एलबीटी से मुक्ति दिलाई जाए। उनकी दलील थी कि उनका टर्नओवर भले ही 50 करोड़ रुपये से ज्यादा है, पर उनकी कमाई इतनी नहीं है।

बुधवार को कैबिनेट की बैठक में तय किया गया कि जहां पर एलबीटी हटाया गया है, वहां के पेट्रोल-डीजल को भी एलबीटी से मुक्त किया जाए। इससे पेट्रोल-डीजल का रेट एक रुपये से 1.50 रुपये तक कम हुआ है। इस कारण सरकार की तिजोरी पर 300 करोड़ रुपये की गाज गिरी। वित्त मंत्री मुनगंटीवार ने कहा, ‘महज 2 रुपये रेट बढ़ाना बहुत मामूली है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी आने के कारण राज्य सरकार के राजस्व में कमी आई है।’
शराब पर मंत्रियों में नोक-झोंक:
सरकार ने शराब, सिगरेट और सोडा, और कोल्ड ड्रिंक्स की बिक्री कर में 5 पर्सेंट की बढ़ोतरी का फैसला किया है। वित्त मंत्री इसके पीछे तर्क देते हैं कि एलबीटी खत्म करने से इस मद से मिलने वाली कमाई कम हुई है। अब महज 5 पर्सेंट कर बढ़ाने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। कैबिनेट की बैठक में जब शराब पर 5 पर्सेंट बिक्री कर बढ़ाने का प्रस्ताव वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने रखा, तब उत्पादन शुल्क मंत्री एकनाथ खडसे और उनके बीच नोक-झोंक भी देखने को मिली।

खडसे का कहना था कि शराब पर बिक्री कर में बढ़ोतरी का फैसला करते समय उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि उत्पादन शुल्क विभाग की बिना मंजूरी के वित्त विभाग ने यह प्रस्ताव कैबिनेट में किस बुनियाद पर रखा। खडसे ने कहा कि इससे महाराष्ट्र की शराब दूसरे राज्यों की तुलना में महंगी हो जाएगी।

वहीं विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे-पाटील ने आरोप लगाते हुए कहा कि ‘सरकार ने अपना एक साल पूरे होने पर की जाने वाली इवेंट की तैयारी के लिए टैक्स बढ़ाकर पैसा जुटाने का इंतजाम किया है। सरकार ने किसानों का कर्ज तो माफ किया नहीं, उल्टे उनके नाम पर कमाई का नया जरिया खोज लिया है। पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाने से आम जनता प्रभावित होगी।’

दूसरी ओर, वित्त मंत्री के प्रस्ताव का पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने यह कहते हुए समर्थन किया कि शराब और सिगरेट पर 5 पर्सेंट नहीं, 10 पर्सेंट कर बढ़ाना चाहिए।
सोना भी महंगा:
सोना, हीरा और गहनों पर फिलहाल 1 पर्सेंट टैक्स है। इसे 0.20 पर्सेंट बढ़ाकर 1.20 पर्सेंट कर दिया गया है। इस बारे में इंडिया बुलियन ऐंड जूलर्स असोसिएशन के प्रेजिडेंट मोहित कंबोज का कहना है, ‘सरकार के टैक्स बढ़ाने से महाराष्ट्र में सोना और महंगा होगा। दुकानदार तो बढ़ा हुआ टैक्स जनता से ही वसूल करेंगे। इससे सोने का कारोबार दूसरे राज्यों में जाएगा। सरकार के फैसले का हम विरोध करते हैं।’

 

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