महाशिवरात्रि से एक दिन पहले B5-64 से शिफ्ट हुए भोले बाबा, जानिए नई सीट का पता

वाराणसी। महाशिवरात्रि से ठीक एक दिन पहले काशी महाकाल एक्सप्रेस ट्रेन में भगवान शिव की सीट पक्की हो गई है. अब भोलेनाथ पैंट्री कार में बिराज चुके हैं. दरअसल, उद्घाटन के दिन काशी महाकाल एक्सप्रेस ट्रेन में बाबा भोलेनाथ बी-5 कोच में सीट नंबर 64 रिजर्व्ड की गई थी. जिस पर विवाद हो गया था. बाद में रेल संचालन करने वाली कंपनी इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) भगवान भोलेनाथ की मंदिर को हटा दिया था.

पेंट्री कार में बाबा विश्‍वनाथ, गौरा और श्रीगणेश के साथ पूरे परिवार का दरबार है. कर्मचारियों की मानें तो बाबा दरबार की ट्रेन में मौजूदगी बनी रहेगी. इस दौरान भगवान शिव की कर्मचारियों ने पूजा की और उनको नमन करने के बाद ही ट्रेन में अपनी दिनचर्या की शुरुआत की. पेंट्री कार में उन्हीं कर्मचारियों ने मंदिर को शिफ्ट किया जिन्होंने उद्घाटन के दिन बी-5 में अस्थायी रूप से बर्थ संख्या-64 पर पूजा अर्चना की थी. वहीं बुकिंग के अभाव में वाराणसी से ट्रेन की बोगी संख्‍या पांच में बर्थ संख्या-64 खाली ही गया.

आपको बता दें, 16 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी महाकाल एक्सप्रेस को हरी झंड़ी दिखाकर देश की तीसरी कॉरपोरेट ट्रेन का शुभारंभ किया था. इस ट्रेन में कई खासियत के बीच एक खास बात यह थी कि इसमें भोलेबाबा के लिए बी-5 कोच में 64 सीट पर मंदिर बनाया गया था. जिसको लेकर एआईएमआईएम के नेता और हैदराबाद से सांसद असुदद्दीन औवेसी ने आपत्ति जताई थी. औवेसी ने भारत की धर्म निरपेक्षता और संविधान की प्रस्तावना का हवाला देते हुए ट्रेन में बने बाबा महाकाल के इस शिव मंदिर पर सवाल उठाया था और प्रधानमंत्री कार्यालय को टैग करते हुए संविधान की तस्वीर पोस्ट की थी.

कमर्शियल रन की शुरुआत में बदली सीट
मामला ज्यादा बढ़ा तो IRCTC ने भगवान शिव की सीट बदल दी और कहा कि उस दिन उद्घाटन के लिए ही मंदिर बी-5 कोच में सीट नंबर 64 पर बनाया गया था. ट्रेन में अब मंदिर को स्थायी तौर पर पैंट्रीकार में शिफ्ट किया गया और मंदिर सिर्फ इसी ट्रेन में स्थापित किया गया है बाकि दूसरी ट्रेन में मंदिर नहीं है.

तीन धार्मिक स्थलों को जोड़ती है ट्रेन
गौरतलब है कि काशी-महाकाल एक्सप्रेस ट्रेन भगवान शिव के तीन ज्योर्तिलिंगों के लिए मशहूर धार्मिक स्थलों को आपस में जोड़ती है. यह ट्रेन काशी से शुरू होकर इलाहाबाद कानपुर होते हुए उज्जैन में बाबा महाकाल होते हुए ओंकारेश्वर तक पहुंचती है. जो कि धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है. इसके अलावा वाराणसी से इंदौर के बीच आठ अलग-अलग तीर्थस्थलों के लिए भी इस ट्रेन में विशेष पैकेज की शुरुआत की गई है.

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button