मायावती के इस्तीफे पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा- मायावती अपने अंतिम दौर में

लखनऊ।  राज्यसभा से मायावती के इस्तीफे के बाद राजनीत‍ि में कई तरह की चर्चाएं हो रही है। इसको लेकर हम ने व‍िभ‍िन्न पार्ट‍ियों के दल‍ित नेताओं से उनका र‍िएक्शन जानने की कोश‍िश की। क‍िसी ने कहा, मायावती का राजनीतिक ड्रामा खत्म हो चुका है। अब वो चाहे राज्यसभा से इस्तीफा दें या देश छोड़ें, कोई दलित इनके बहकावे में नहीं आने वाला है। वहीं, कोई बोला- मायावती भीम आर्मी के बढ़ते जनाधार से डर रही हैं। दल‍ितों की सहानुभूत‍ि पाने के ल‍िए ऐसा क‍िया। आगे पढ़‍िए क‍िस नेता ने क्या कहा…

राम शंकर कठेरिया, केंद्रीय मंत्री और चेयरमैन, अनुसूचित जाति

– रामशंकर कठेरिया ने कहा, मायावती को दलितों ने यूपी में 4 बार सीएम बनाया, लेकिन उन्होंने सिर्फ अपनी और अपने भाई की संपत्ति बनाई। दलितों के साथ मायावती ने धोखा किया। वह प्लानिंग के साथ चाल चली है। इस्तीफा देने की बात कहते ही थोड़ी ही देर में 4 पेज का इस्तीफा कैसे लिखा? वो पहले से तैयारी करके आई थी।
पीएल पुनिया, राज्यसभा सांसद, कांग्रेस
– मायावती को डर है कि भीम आर्मी को दलित समाज का सर्मथन कैसे मिल सकता है? इस वजह से सहानुभूति पाने के लिए उन्होंने इस्तीफा दिया। दलितों की समस्या का समाधान राज्यसभा में रहकर मिल सकता था। उनका राज्यसभा का समय अभी अप्रैल 2018 तक था, जिसमें हजारों बार उन्हें दलितों की बात कहने का मौका मिलता, लेक‍िन उन्होंने खो दिया। मायावती ने आज शून्य काल के दौरान बात रखी थी जिसमें कि समय मिलता ही कम है, ये नियम होता है। बोलने के ल‍िए पर्ची मैंने भी लगाई थी, लेकिन सदन में उन्हें मौका दिया गया। इस बात पर उन्हें गर्व होना चाहिए था, उन्होंने गलत किया। दलितों की लड़ाई सदन में रहकर लड़ी जा सकती थी। भागकर लड़ाई नहीं होती।
राम दास अठावले, केंद्रीय मंत्री, अध्यक्ष-आरपीआईए
– मायावती का राजनीतिक ड्रामा खत्म हो चुका है। अब वो चाहे राज्यसभा से इस्तीफा दें या देश छोड़ें, कोई दलित इनके बहकावे में नहीं आने वाला है। वो हताश-निराश हैं, वो अपने को दलितों की रानी कहती हैं। जनता ने इसल‍िए उनका साथ छोड़ दिया, क्योंकि दलितों पर सबसे ज्यादा अत्याचार रानी ने किया। मायावती ने बेचारे गरीबों को बेवकूफ समझकर उन्हें गुमराह किया।

स्वामी प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री

– मायावती अपने अंतिम दौर में हैं। पैसा और सत्ता की भूखी हैं, उसके बिना उन्हें नींद नहीं आती, इसीलिए पूरे प्लानिंग के साथ इस्तीफा दिया, ताक‍ि यूपी और अन्य राज्यों में होने चुनावों में उन्हें सहानुभूति मिले। अब अपने इस्तीफा का ही प्रचार करेंगी, क्योंकि और किसी मुद्दे पर बात करने के लिए उनके पास कुछ है ही नहीं।
कौशल किशोर, सांसद, बीजेपी
– ये मायावती की प्लानिंग का हिस्सा है। उन्हें राज्यसभा में बोलने नहीं दिया जाता, ये बात भी उन्होंने राज्यसभा में कही और वहां से निकल गईं। 4 पेज का इस्तीफा तुरंत कैसे मीडिया को दिया? इसका मतलब वो पहले से मन बनाकर आई थीं। वो जानती हैं कि उनकी पार्टी का कोई व्यक्ति आने वाले समय में राज्यसभा या विधान परिषद नहीं पहुंच सकता है। बाद में होने वाली इस फजीहत से बचने के लिए उन्होंने ये निर्णय लिया। दलितों की सहानुभूति पाने का ढोंग सब जान चुके हैं। कोई पार्टी अब इन्हें सहारा नहीं देगी, क्येांकि जिसने इनका साथ दिया, इन्होंने उसको ही खत्म कर दिया।
गंगाराम अंम्बेडकर, पूर्व ओएसडी मायावती
– मायावती ने इस्तीफा देकर सही निर्णय लिया है। अब उन्हें दलितों के हक को दिलाने के लिए सड़कों पर उतरना होगा। हम बहन जी का समर्थन करते हैं, क्योंकि त्याग करना ही बाबा साहेब ने सिखाया है। निश्चित तौर पर इसका फायदा मिलेगा।
 

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