मार्गदर्शक आडवाणी ने बदली मोदी की राह

lal modiतहलका एक्सप्रेस,  नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी को रविवार को अपनी राह बदलनी पड़ गई । ऐसा और किसी की वजह से नहीं, बल्कि बीजेपी के मार्गदर्शक लालकृष्ण आडवाणी के कारण हुआ। जयप्रकाश नारायण की 113वीं जयंती पर मोदी उनके योगदान और इमर्जेंसी के दिनों पर अपनी बात रखने वाले थे कि तभी आडवाणी ने यह बात सामने रखी कि रविवार को तो RSS के विचारक नानाजी देशमुख की जयंती भी थी।

ऐसा लगा कि इस चूक की भरपाई करने के लिए ही मोदी और उनके कैबिनेट के सहयोगियों ने फिर देशमुख के कार्यों और उन्हें याद करने की सरकार की योजनाओं पर लंबी-चौड़ी बातें कीं।

आडवाणी ने कहा था, ‘मैं पीएम और उनके प्रशासन को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने ऐसे कार्यक्रम के बारे में सोचा। हमने आज यह कार्यक्रम जे पी नारायणजी की जयंती के कारण आयोजित किया है। मैं यह भी याद दिलाना चाहता हूं कि RSS के साथ काम कर चुके नानाजी देशमुख ने बाद में वर्षों तक राजनीति में सक्रियता दिखाई थी और उनकी जयंती भी आज ही है।’
आडवाणी चुप बैठने को तैयार नहीं

आडवाणी चुप बैठने को तैयार नहीं

आडवाणी ने कहा, ‘आज वह हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन जिस तरह उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में लगा दिया, उससे मैं कह सकता हूं कि वह स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले हमारे महान नेताओं में से एक थे।’

इस पर मिनिस्टर वेंकैया नायडू ने लपक कर सफाई दी कि पीएम ने देशमुख की जयंती का भी ध्यान रखा था, लेकिन चूंकि दोनों जयंतियों को एकसाथ मनाना संभव नहीं था, लिहाजा नानाजी की याद में 2016 में सालभर कार्यक्रम किए जाएंगे।

नानाजी की जयंती को लेकर रविवार सुबह ट्वीट कर चुके पीएम ने अपने भाषण का एक बड़ा हिस्सा उनके कार्यों की प्रशंसा में लगाया और कहा कि जेपी का जीवन बचाने के लिए देशमुख ने अपना जीवन खतरे में डाला था। उन्होंने जेपी और उनकी पत्नी प्रभा के नाम पर ‘जय प्रभा ग्राम’ बनाने के देशमुख के प्रयासों की भी सराहना की।

मोदी ने कहा, ‘जब हम लोग गांधीजी, जयप्रकाश नारायण और नानाजी जैसे लोगों को याद करते हैं तो हमेशा सोचते हैं कि भारत के गांवों को कैसे जोड़ा जाए। नानाजी ने जेपी के संपूर्ण क्रांति के सपने को साकार किया था।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अब्दुल कलामजी ने अपने लेखों में नानाजी देशमुख की प्रशंसा की थी।’

आडवाणी के जिक्र किए जाने के बाद इस तरह पीएम और मंत्रियों ने नानाजी पर जब बयानों की भरपाई कर ली तो फिर उसके बाद जयप्रकाश नारायण की तारीफ में अपनी बातें रखीं।

 

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