मालदीव संसद पर सेना का कब्जा, एक-एक सांसद को खींचकर निकाला बाहर, विपक्षी नेता नजरबंद

माले। मालदीव में जारी राजनीतिक गतिरोध के बीच बुधवार को सेना ने संसद पर भी कब्जा कर लिया है. सैन्यकर्मियों ने संसद में मौजूद एक-एक सांसद को खींचकर बाहर निकाल दिया. मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.

MDP के महासचिव अनस अब्दुल सत्तार ने लिखा, ‘सुरक्षा बलों ने सांसदों को मजलिस परिसर से बाहर फेंक दिया गया है. चीफ जस्टिल अबदुल्ला सईद सच सामने ला रहे थे और उन्हें भी उनके चैंबर से घसीट कर ले जाया गया.’

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The MDP condemns manhandling & use of force by the defense forces in removing opposition MPs from the Majlis premises. The MDP reiterates its call on the Maldives regime to stop obstructing the proper functioning of the Majlis & attempts to intimidate opposition parliamentarians

इससे पहले मंगलवार को सुरक्षा बलों ने संसद को चारों ओर से घेर लिया था. मंगलवार को सेना ने सांसदों को संसद में घुसने नहीं दिया था. इस राजनीतिक संकट की शुरुआत में मालदीव में राष्ट्रपति अबदुल्ला यामीन और न्यायपालिका के बीच टकराव देखने को मिला था, जिसमें न्यायपालिका को सरेंडर करना पड़ा था. मालदीव में विपक्षी दलों के नेताओं को भी गिरफ्तार किया गया है.

शनिवार को राष्ट्रपति यामीन ने यूरोपियन यूनियन, जर्मनी और ब्रिटेन के प्रतिनिधियों से मिलने से इनकार कर दिया था. मालदीव में पिछले हफ्ते राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया गया था. संयुक्त राष्ट्र हाई कमिश्नर जीद राद अल हुसैन ने इस आपातकाल को लोकतंत्र पर हमला करार दिया है.

मालदीव की राजधानी माले में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. विपक्षी दलों को जहां-तहां नजरबंद किया जा रहा है. इस देश में हालात बिगड़ने तब शुरू हुए थे, जब राष्ट्रपति यामीन के सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानने से इनकार कर दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने नौ राजनीतिक बंदियों को रिहा करने का आदेश दिया था और कहा था उनके खिलाफ केस दुर्भावना से प्रेरित हैं. कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद, पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद अदीब समेत 12 सांसदों को बहाल करने का आदेश दिया था.

राष्ट्रपति यामीन ने इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया था और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला वापस ले लिया था.

 

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