मालेगांव धमाकों के आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद ने जमानत की अर्जी दी
तहलका एक्सप्रेस प्रतिनिधि डॉ इब्राहीम जहगीरदार
मुंबई. मालेगांव धमाकों के आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित और सुधाकर द्विवेदी ने जमानत की अर्जी दी है। अर्जी में कहा गया है कि राजनीतिक साजिश के तहत उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया गया है। मालेगांव धमाकों के आरोप में पुरोहित और दूसरे आरोपियों को साढ़े छह साल पहले गिरफ्तार किया गया था। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आरोपियों के खिलाफ मकोका के तहत मामला दर्ज करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है।
उनकी जमानत अर्जी पर मेरिट (योग्यता) के आधार पर फैसला किया जाना चाहिए। आरोपियों ने वकील श्रीकांत शिवदे के जरिए विशेष एनआईए अदालत में जमानत अर्जी दाखिल की है। इस पर अगले महीने सुनवाई हो सकती है। अर्जी में पुरोहित ने कहा है कि अभियोजन पक्ष भी यह स्वीकार करता है कि धमाके के वक्त वे मध्यप्रदेश के पंचगनी में थे। जहां उन्हें तैनात किया गया था।
साथ ही कहा गया है कि विशेष न्यायाधीश ने महसूस किया था कि उन्हें जमानत मिलनी चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हुआ क्योंकि उनके खिलाफ मकोका के तहत मामला दर्ज किया गया था। अर्जी में यह भी दावा किया गया है कि सेना में पुरोहित का सराहनीय रिकार्ड रहा है। जिस तरह से उनकी गिरफ्तारी हुई इससे पता चलता है कि वे राजनीतिक साजिश के शिकार हुए हैं।
बनावटी सबूत पेश करने का आरोप
पुरोहित पर धमाकों में इस्तेमाल हुआ आरडीएक्स सेना से चुराने का आरोप है। कुछ आरडीएक्स पुरोहित के सह आरोपी के कमरे से भी बरामद किया गया था। हालांकि पुरोहित का दावा है कि उन्हें फंसाने के लिए झूठे सबूत गढ़े गए थे। पुरोहित के मुताबिक आरडीएक्स बरामद होने के22 दिन पहले मामले की जांच कर रही एटीएस का एक अधिकारी इस घर में आया था और आरडीएक्स बरामद करने पहुंची टीम में भी यह अधिकारी मौजूद था। सेना के दो जवानों के बयानों से भी इस बात की पुष्टि हुई है। पुरोहित की अर्जी के मुताबिक इससे साफ होता है कि यह बनावटी सबूत तैयार करने का मामला है
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