माल्या को लुकआउट सर्कुलर के शब्द बदलकर ऐसे दी गई थी राहत

नई दिल्ली। केंद्र सरकार पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि उसने हजारों करोड़ों रुपए लेकर फरार चल रहे शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर को हल्का बना दिया जिससे उसे विदेश जाने में आसानी हुई. इस बारे में खुद बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्वीट किया है. सरकारी सूत्रों ने जो जानकारी दी है उससे यह बात सच लग रही है.

सरकारी सूत्रों ने बताया कि विजय माल्या के लुकआउट नोटिस को हल्का करके कहा गया कि अगर वह विदेश जाता है तो उसे पकड़ा न जाए बल्कि सिर्फ इसकी जानकारी दी जाए. सीबीआई ने 16 अक्टूबर, 2015 को सरकार से यह अनुरोध किया था कि माल्या के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया जाए.

एजेंसी ने ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन से अनुरोध किया था कि माल्या यदि देश छोड़ने की कोशिश करता है तो उसे पकड़ लिया जाए. लेकिन इसके एक महीने बाद ही नवंबर महीने में सीबीआई ने एक संशोधित सर्कुलर जारी करने को कहा जिसमें इमिग्रेशन ब्यूरो से कहा गया कि वह सिर्फ ‘माल्या के विदेश जाने और यात्रा के प्लान के बारे में सूचित करे.’

पहली यात्रा, दूसरी यात्रा और तीसरी बार माल्या फरार

इसके बाद माल्या नवंबर और दिसंबर में दो बार विदेश गया और लौट भी आया. इन लुकआउट नोटिसों के बाद भी माल्या तीन बार सीबीआई के सामने पेश हुआ था.

सूत्रों के मुताबिक अपनी पहली दो विदेश यात्राओं के दौरान माल्या ने सीबीआई को यह बताया था कि वह बिजनेस मीटिंग के लिए विदेश जाता है. लेकिन तीसरी बार सीबीआई को माल्या की यात्रा की जानकारी भी नहीं मिली और उसके बाद वह ऐसा फरार हुआ कि आज सभी एजेंसियों के उसे भारत लाने में पसीने छूट रहे हैं.

उधर वित्त मंत्री अरुण जेटली को लेकर दिए गए माल्या के बयान पर हंगामा जारी है. विजय माल्या ने कहा है कि वह लंदन जाने से पहले अरुण जेटली से मिला था. अब बीजेपी के ही राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मसले पर ट्वीट किया है जो कई तरह के सवाल खड़े करता है.

Subramanian Swamy

@Swamy39

We have now two undeniable facts on the Mallya escape issue: 1. Look Out Notice was diluted on Oct 24, 2015 from “Block” to “Report” departure enabling Mallya to depart with 54 checked luggage items. 2. Mallya told FM in Central Hall of Parliament that he was leaving for London.

माल्या ने दिया था ये बयान

विजय माल्या ने बुधवार को कहा कि वह भारत से रवाना होने से पहले वित्त मंत्री से मिला था. लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश होने के लिए पहुंचे माल्या ने कहा कि उसने मंत्री से मुलाकात की थी और बैंकों के साथ मामले का निपटारा करने की पेशकश की थी.

अरुण जेटली ने दी थी सफाई

अरुण जेटली ने फेसबुक पर इस संबंध में सफाई देते हुए कहा, ‘माल्या का दावा तथ्यात्मक रूप से गलत है. मैंने 2014 से अब तक उन्हें मिलने का टाइम नहीं दिया. वह राज्यसभा सदस्य थे और कभी-कभी सदन में आया करते थे. मैं सदन से निकलकर अपने कमरे में जा रहा था, इसी दौरान वह साथ हो लिए. उन्होंने समझौते की पेशकश की थी, जिस पर मैंने उन्हें रोकते हुए कहा कि मेरे साथ बात करने का कोई फायदा नहीं, यह प्रस्ताव बैंकों के साथ करें.’

 

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